नाटो के महासचिव जेन्स स्टोलटेनबर्ग ने रविवार को कहा कि नाटो यूक्रेन में चल रहे संकट को हल करने के उद्देश्य से किसी भी राजनयिक पहल का समर्थन करता है और युद्ध की रोकथाम को प्राथमिकता देता है।
अमेरिका ने रविवार को कीव और घरेलू प्रतिद्वंद्वियों की बढ़ती आलोचना के बावजूद यूक्रेन पर व्यापक रूप से प्रतीक्षित रूसी आक्रमण से पहले रूस पर प्रतिबंध लगाने से इनकार कर दिया। अमेरिका ने साफ तौर पर कहा कि रूस के लिए बातचीत का रास्ता तबतक खुला है जबतक वह यूक्रेन पर हमला नहीं करता है।
एयर इंडिया, जिसे हाल ही में सरकार द्वारा टाटा समूह को बेचा गया था, 22, 24 और 26 फरवरी को यूक्रेन के लिए तीन विशेष विमान उड़ाएगी। उड़ानें यूक्रेन के सबसे बड़े बॉरिस्पिल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से और उसके लिए संचालित होंगी।
भारतीय दूतावास ने कहा है कि यूक्रेन में तनाव और अनिश्चिंतता बहुत अधिक बढ़ गई है। ऐसी स्थिति को देखते हुए यूक्रेन में रह रहे सभी भारतीय नागरिकों जिनका प्रवास आवश्यक नहीं है और सभी भारतीय छात्रों को अस्थायी रूप से यूक्रेन छोड़ने की सलाह दी जाती है।
अमेरिका ने दावा किया है कि रूस किसी भी समय यूक्रेन पर हमला कर सकता है। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की बैठक बुलाई है। बाइडेन ने कहा है कि रूस परमाणु हमला करने पर भी विचार कर रहा है।
तो क्या यह आक्रामक मुद्रा सिर्फ दिखावा है, या पुतिन यूक्रेन पर हमले को लेकर गंभीर हैं? और उसके दिमाग में क्या चल रहा है? विशेषज्ञ, रूसी नेता के विश्व दृष्टिकोण और यूक्रेन के प्रति उनके जुनून को डिकोड करते हैं।
मास्को इस बात से इनकार करता रहा है कि उसके पास अपने पश्चिमी पड़ोसी पर हमला करने की योजना है, लेकिन वह गारंटी की मांग कर रहा कि यूक्रेन कभी नाटो में शामिल नहीं होगा और पश्चिमी गठबंधन पूर्वी यूरोप से सेना को हटा देगा। हालांकि, पश्चिम ने इनकार कर दिया है।
हैरिस म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका आर्थिक उपायों के साथ नहीं रुकेगा, लेकिन नाटो के पूर्वी हिस्से को और मजबूत करेगा। अमेरिका का दावा है कि रूस ने अपने 190000 सैनिक यूक्रेन को धमकी देने के लिए तैनात कर रखे हैं।
यूक्रेन-रूस विवाद (Russia-Ukraine Conflict) के चलते दुनिया में तीसरे विश्व युद्ध (World war) की आशंका बढ़ती जा रही है। तमाम देश दोनों देशों के बीच मध्यस्थता कराने में जुटे हैं। इसी बीच भारत ने भी अपना रुख स्पष्ट किया है। इसकी रूस से सराहना की है। भारत और रूस के बीच वर्षों पुराने रिश्ते हैं। हालांकि भारत इस संकट का समाधान बातचीत से सुलझाने पर जोर दे रहा है।
रूसी अलगाववादी समर्थित क्षेत्र में विस्फोट उस समय हुआ है जब यूक्रेन को लेकर रूस के आक्रामक रूख की बात हो रही है। अमेरिका लगातार यह आशंका जता रहा कि रूस कभी भी यूक्रेन पर कब्जा करने के लिए हमला कर सकता है।