आज (12 जुलाई, मंगलवार) आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि है। इस दिन सूर्योदय मूल नक्षत्र में होगा, जो पूरे दिन रहेगा। मंगलवार को मूल नक्षत्र होने से छत्र नाम का शुभ योग इस दिन बन रहा है। इसके अलावा इस दिन ब्रह्म और इंद्र नाम के 2 अन्य शुभ योग भी बन रहे हैं।
टैरो कार्ड्स पर अंक, रंग, संकेत तथा पंचतत्व दर्शाए गए होते हैं, जिनके आधार पर भविष्य का अनुमान लगाया जाता है। टैरो कार्ड रीडिंग को सबसे पहले चौदहवीं शताब्दी में इटली में मनोरंजन के माध्यम के तौर पर अपनाया गया था।
जुलाई का दूसरा सप्ताह 11 से 17 जुलाई तक रहेगा। इस सप्ताह कई प्रमुख त्योहार मनाए जाएंगे, वहीं कई बड़े ग्रह राशि परिवर्तन भी करेंगे। इस सप्ताह के पहले दिन यानी 11 जुलाई, सोमवार को सोम प्रदोष का योग बन रहा है।
इंदौर की फेमस एस्ट्रोलॉजर, वास्तु एंड टैरो कार्ड एक्सपर्ट भूमिका कलम के अनुसार, टैरो कार्ड के इतिहास की बात करें तो ज्योतिष की इस विधा की शुरुआत लगभग 2 हजार साल पहले हुई थी। सेल्टिक नामक देश के लोगों द्वारा सर्वप्रथम इस विद्या से भविष्य जानने का प्रयास किया जाता था।
साल का सातवां महीना जुलाई शुरू हो चुका है। इसका पहला सप्ताह 3 से 10 जुलाई तक रहेगा। ये 7 दिन धार्मिक और ज्योतिषिय दृष्टिकोण से बहुत खास रहने वाले हैं क्योंकि इस सप्ताह में आषाढ़ मास की गुप्त नवरात्रि (Gupt Navratri 2022) का समापन होगा।
टैरो एक रहस्यमय संसार है जो इंसान के भविष्य के अनसुलझे रहस्यों को उजागर करता है, जैसे भविष्य जानने के लिए जन्म कुंडली, हस्तरेखा और न्यूमरोलॉजी का सहारा लिया जाता है। वैसे ही टैरो कार्ड्स भी है।
ज्योतिष शास्त्र में 9 ग्रह बताए गए हैं। ये सभी प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से हमारे जीवन को प्रभावित करते हैं। मंगल भी इन्हीं ग्रहों में से एक है। इसे लाल ग्रह भी कहते हैं। इस ग्रह का स्वभाव बहुत ही उग्र है, इसलिए जिन लोगों पर इसका प्रभाव अधिक होता है वे काफी गुस्सैल होते हैं। अचल संपत्ति यानी भूमि, भवन आदि का कारक भी यही ग्रह है।
टैरो डेक में कुल 78 कार्ड होते हैं, जिन्हें मेजर आर्काना तथा माइनर आर्काना में विभक्त किया गया है। जानकारी के अनुसार टैरो शब्द टैरोटी से आया है इसका मतलब है कि कार्ड्स के पीछे दिखने वाली क्रॉस लाइन।
ये जून का अंतिम सप्ताह (27 जून से 3 जुलाई) है और जुलाई माह की शुरूआत में इसी सप्ताह में हो जाएगी। ये 7 दिन धार्मिक दृष्टिकोण से बहुत खास रहने वाले हैं क्योंकि इस सप्ताह में शिव चतुर्दशी व्रत, हलहारिणी अमावस्या और विनायकी चतुर्थी जैसे त्योहार मनाए जाएंगे।
आज (23 जून, बुधवार) आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की नवमी तिथि है। इस दिन सूर्योदय उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र में होगा, जो सुबह 9.54 तक रहेगा। इसके बाद रेवती नक्षत्र रात अंत तक रहेगा।