सार
पूरे चुनाव में कांग्रेस झूठ का पुलिंदा परोसने पर आमादा है। कांग्रेस चुनाव में लगातार झूठ का सहारा ले रही है। उनकी एक चुनाव सभा का ही अगर ईमानदार मूल्यांकन कर दिया जाए तो राहुल गांधी और कांग्रेस की झूठ का बुर्का फटा हुआ दिखाई देता है।
लेखक- प्रेम शुक्ल, राष्ट्रीय प्रवक्ता, भारतीय जनता पार्टी। लोकसभा चुनाव में दो चरणों का मतदान हो चुका है। तीसरे दौर के प्रचार का अंतिम चरण जारी है। इस इस दौरान कांग्रेस के मुख्यमंत्री और दिग्गज नेताओं के द्वारा 'डीप फेक वीडियो' प्रसारित कर भाजपा के खिलाफ दुष्प्रचार बेनकाब हुआ है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुवाहाटी में एक पत्रकार वार्ता को संबोधित कर कांग्रेस द्वारा उनके एक वीडियो को संपादित कर 'डीप फेक' में परिवर्तित कर सोशल मीडिया पर प्रसारित करने का प्रमाण पेश किया।
आरक्षण रद्द करने के संदर्भ में बनाए गए इस डीप फेक वीडियो के बारे में भारतीय जनता पार्टी की शिकायत पर दिल्ली पुलिस ने तेलंगाना के कांग्रेसी मुख्यमंत्री रेवंथ रेड्डी को पूछताछ के लिए बुलावा भी भेजा। कांग्रेस के कई अन्य पदाधिकारी और उनके सहयोगी भी इस डीप फेक वीडियो के मामले में जांच के दायरे में हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बीते एक अरसे से डीप फेक को लेकर पूरी दुनिया को सतर्क करते रहे हैं। कांग्रेस की इस हरकत पर भी उन्होंने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करने के साथ-साथ तमाम एजेंसियों को सतर्क रहने की सलाह दी। पूरे चुनाव में कांग्रेस झूठ का पुलिंदा परोसने पर आमादा है। बता दें कि 2019 के लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस के तत्कालीन अध्यक्ष और पार्टी के युवराज राहुल गांधी ने सर्वोच्च न्यायालय का हवाला देकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 'चौकीदार चोर' कहकर बदनाम करने का प्रयास किया था। बाद में उन्हें सुप्रीम कोर्ट में शपथ पत्र दायर कर माफी मांगनी पड़ी। इसके बावजूद उनकी झूठ बोलने की आदत खत्म नहीं हुई है।
इस चुनाव में ही वह लगातार झूठ का सहारा ले रहे हैं। उनकी एक चुनाव सभा का ही अगर ईमानदार मूल्यांकन कर दिया जाए तो राहुल गांधी और कांग्रेस की झूठ का बुर्का फटा हुआ दिखाई देता है। बीते 30 अप्रैल को राहुल गांधी ने मध्य प्रदेश के भिंड में एक चुनावी सभा को संबोधित किया। उसमें उन्होंने कहा "बीजेपी के नेताओं ने साफ कहा है ,अमित शाह ने कहा है,बड़े-बड़े नेताओं ने कहा है कि अगर चुनाव में जीत होगी तो संविधान बदल दिया जाएगा, रद्द कर दिया जाएगा।" सत्य इसके विपरीत है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं राहुल गांधी के इस भाषण के दो दिन पहले चुनावी प्रचार सभा में कह चुके हैं "जहां तक संविधान का सवाल है, आप मान कर चलिए और यह मोदी के शब्द हैं लिखकर रखिए। अगर बाबा साहब अंबेडकर खुद वापस आ जाएं तब भी भारत के संविधान को रद्द नहीं किया जा सकता। हमारा संविधान सरकार के लिए गीता है, रामायण है, महाभारत है, बाइबल है, कुरान है, यह सब कुछ हमारे लिए हमारा संविधान है!" इससे अधिक प्रखरता और स्पष्टता से संविधान के बारे में क्या भूमिका रखी जा सकती है? स्वयं प्रधानमंत्री जो कि भाजपा के सर्वोच्च नेता है उनके बयान के बावजूद राहुल गांधी मिथ्या प्रलाप करते हैं । गृह मंत्री अमित शाह का नाम लेकर वह संविधान बदलने की बात करते हैं, जबकि अमित शाह ने अपने राजनीतिक जीवन में कभी इस तरह का गैर जिम्मेदाराना बयान नहीं दिया है।
भिंड की सभा में ही राहुल गांधी दूसरा झूठ बोलते हैं। अयोध्या के श्रीराम लला मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर। राहुल गांधी कहते हैं "अयोध्या में राम मंदिर का कार्यक्रम हुआ। सारे के सारे वहां बैठे थे,सब अमीर थे। आपने वहां किसी गरीब को देखा, कोई किसान था वहां? किसी मजदूर को देखा?"पूरे देश ने देखा है 22 जनवरी 2024 को जब अयोध्या में श्रीराम लला मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिस्सा लिया तो उनका एक प्रमुख कार्यक्रम था मंदिर निर्माण में जुटे सारे मजदूरों पर उन्होंने अपने हाथों से फूलों की वर्षा की थी। प्राण प्रतिष्ठा के अनुष्ठान में स्वयं काशी के डोम शामिल हुए। डोम ,जाति परंपरा के सबसे निचले पायदान से आते हैं। मंदिर के पुजारियों में भी अनुसूचित जाति और पिछड़े समाज के लोग शामिल हैं। इन तथ्यों की अनदेखी कर राहुल बाबा मंदिर के दुष्प्रचार में जुटे हुए हैं।
इसी प्राण प्रतिष्ठा को लेकर भिंड की सभा में राहुल गांधी तीसरा झूठ बोलते हैं वह कहते हैं "राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा में राष्ट्रपति को बुलाया ही नहीं जाता ,क्योंकि वह आदिवासी समाज की हैं। उनसे कहा जाता है ना तुम पार्लियामेंट की इनॉगरेशन (उद्घाटन) में आओगी ना मंदिर के इनॉगरेशन में आओगी। नरेंद्र मोदी जी खोलेंगे पार्लियामेंट वही खोलेंगे मंदिर। कोई आदिवासी का ,दलित का, पिछड़े का चेहरा नहीं दिखना चाहिए। सिर्फ नरेंद्र मोदी जी का चेहरा देखना चाहिए और यही हुआ।" राहुल गांधी के इस झूठ को भी श्रीराम मंदिर तीर्थ क्षेत्र न्यास समिति के महासचिव चंपत राय ने तत्काल भी बेनकाब किया। चंपत राय का बयान आया " राहुल गांधी के इन वाक्यों पर गंभीर आपत्ति है। यह वाक्य नितांत असत्य और भ्रामक है। हम बताना चाहते हैं कि श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ,आदरणीया राष्ट्रपति, भारत सरकार और उनके पूर्व के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद दोनों को प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर अयोध्या में पधारने का निवेदन- निमंत्रण दिया गया था। हम उन्हें यह भी बता देना चाहते हैं कि अनुसूचित जाति/जनजाति और पिछड़े समाज के तमाम लोगों को इस कार्यक्रम में आमंत्रित किया गया था और वह सब पधारे थे ।" प्राण प्रतिष्ठा समारोह का पूरी दुनिया में लाइव प्रसारण हुआ था। चंपत राय के इन बयानों की सहज पुष्ट की जा सकती है। फिर भी राहुल गांधी झूठ बोलने से बाज नहीं आ रहे। राहुल गांधी ने एक दावा और किया "राम मंदिर में अदानी और अंबानी के साथ सूट में नरेंद्र मोदी ने फोटो खिंचवाई । " जबकि सच यह है की अदानी राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा में अयोध्या गए ही नहीं थे और राम मंदिर परिसर में किसी उद्योगपति के साथ नरेंद्र मोदी ने कोई तस्वीर अलग से नहीं खिंचवाई।
भिंड की इसी सभा में उन्होंने चौथ झूठ उद्योगपति अदानी समूह के संदर्भ में बोला। राहुल गांधी ने आरोप लगाया "रेलवे देखो अदानी, सोलर पावर देखो अदानी, बिजली देखो अदानी, सड़क देखो अदानी, हथियार देखो अदानी, जहां भी देखो अदानी। सब कुछ नरेंद्र मोदी अपने एक दोस्त अदानी को सौंप देने पर आमादा है। " तथ्य इसके विपरीत है। अदानी समूह को मुद्रा पोर्ट कांग्रेस के कार्यकाल में मिला। कोयला ब्लॉक कांग्रेस के कार्यकाल में मिले। आयात-निर्यात का लाइसेंस कांग्रेस के कार्यकाल में मिला। अदानी अरबपति कांग्रेस के कार्यकाल में बने और कांग्रेस की तमाम राज्य सरकारें अदानी का आतिथ्य करती रहीं और आरोप राहुल गांधी नरेंद्र मोदी पर लगाने में जुटे हैं।
भिंड की सभा में राहुल गांधी ने पांचवां झूठ किसानों को लेकर बोला। राहुल गांधी ने कहा " हिंदुस्तान का हर एक किसान जानता है ,हमारे जेब से पैसा निकालने की कोशिश हो रही है। सारे के सारे खड़े हो गए, नरेंद्र मोदी सरकार के विरोध में। इन किसानों को मोदी जी कहते हैं किसान आतंकवादी है।" नरेंद्र मोदी ने अपने जीवन काल में किसानों को हमेशा अन्नदाता कहा है। उन्हें कभी आतंकवादी कहने का सवाल ही नहीं पैदा होता। नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में कृषि बजट पांच गुना बढ़ा । 10 वर्षों के कांग्रेस के शासनकाल में किसानों का कुल कर्ज माफ हुआ था 53000 करोड़ का । नरेंद्र मोदी ने सिर्फ किसान सम्मान निधि में 3 लाख करोड रुपए किसानों के खाते में डाल दिए । न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदारी कर किसानों के खाते में बीते 10 वर्षों में 17 लाख करोड रुपए की राशि डाली गई। बीज से लेकर बाजार तक वह किसानों के हक में खड़े हैं । यूरिया को जब से उन्होंने नीम कोटेड करवा दिया खाद को लेकर किसान की समस्या का समाधान हो गया । पूरे भारत के बाजार उन्होंने किसानों के लिए खोल दिए । स्वयं एमएस स्वामीनाथन ने स्वीकार किया कि उनकी सिफारिश का 90 फ़ीसदी अनुपालन नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में हुआ। फिर भी राहुल गांधी कोरी झूठ बोलने में कोई कोरकसर बाकी नहीं रखते ।
राहुल गांधी का छठा झूठ बेरोजगारी को लेकर है। राहुल गांधी कहते हैं "आज हिंदुस्तान में 45 वर्षों में सबसे ज्यादा बेरोजगारी है। हर हिंदुस्तानी युवा यह बात समझता है ,जानता है । " सत्य राहुल गांधी के दावे के बिल्कुल विपरीत है। सरकारी एजेंसियों और प्राधिकृत संस्थाओं का दावा है कि बीते कुछ वर्षों में बेरोजगारी बड़े पैमाने पर घटी है । पीरियोडिक लेबर फोर्स सर्वे (पीएलएफएस) का डाटा हो, एम्पलाइज प्रोविडेंट फंड ऑर्गेनाइजेशन (ईपीएफओ ) का डाटा हो या फिर रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया (आरबीआई) का डाटा, सभी प्रमाणित करते हैं की बेरोजगारी को नियंत्रित करने में नरेंद्र मोदी की सरकार सफल हुई है। पीएलएफएस के डाटा में बीते कुछ वर्षों में नौकरियों में नौ फ़ीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है। जनसंख्या और श्रमिकों के अनुपात में यह वृद्धि साफ तौर पर देखी जा सकती है।2017-18 में 47 प्रतिशत से बढ़कर नौकरियों की संख्या 56 फ़ीसदी हो गई। बेरोजगारी दर 6 फ़ीसदी से घटकर 3.2 फीसदी रह गई है। 2017 -18 से इसी तरह महिलाओं की बेरोजगारी दर में भी गिरावट दर्ज हुई है। 2017-18 में महिलाओं की बेरोजगारी दर 6 फ़ीसदी थी जो 2022-23 में 3 फ़ीसदी रह गई। 6 वर्षों युवाओं में बेरोजगारी दर 8 फ़ीसदी तक गिरी है। बीते 6 वर्षों में 6.1 करोड़ नए खाते ईपीएफओ में जुड़े हैं। स्पष्ट है कि राहुल गांधी बेरोजगारी के मुद्दे पर भी सफेद झूठ बोल रहे हैं।