हिंदू धर्म में ध्वज यानी झंडे का विशेष महत्व है। प्राचीन काल में प्रत्येक घर के ऊपर ध्वज लगाने की परंपरा रही है, लेकिन अब यह परंपरा केवल मंदिरों तक सिमटकर रह गई है।
वास्तु शास्त्र में प्रत्येक दिशा का एक-एक स्वामी और ग्रह निर्धारित किया गया है। वास्तु में चार मुख्य दिशाओं और चार उपदिशाओं अर्थात कुल आठ दिशाओं को मान्यता प्राप्त है।
वास्तु शास्त्र में घर के हर हिस्से के बारे खास टिप्स बताए गए हैं। उन बातों का ध्यान रखा जाए तो घर वास्तु दोष से मुक्त हो सकता है। आज हम आपको घर के ड्राइंग रूम से जुड़े कुछ खास वास्तु टिप्स के बारे में बता रहे हैं।
घर के दरवाजे बहुत ही महत्वपूर्ण होते हैं। कई बार हम मकान खरीदते वक्त या बनवाते वक्त यह ध्यान नहीं देते हैं कि किस प्रकार के दरवाजे लगाए जा रहे हैं। घर का मेन गेट वास्तु अनुरूप होता है तो कई समस्याएं स्वत: ही समाप्त हो जाती है।
किचन घर के सबसे जरुरी हिस्सों में से एक होता है। इसलिए किचन बनवाते समय वास्तु नियमों का खास ध्यान रखना चाहिए।
आपके घर में अगर कोई वास्तु दोष है तो परिवार के सभी सदस्यों पर उसका असर होता है। इस वजह से परिवार में कोई-न-कोई सदस्य अक्सर बीमार रहता है। कारण जाने बिना हम उसके उपचार में पैसा खर्च करते रहते हैं, लेकिन फिर भी कोई फायदा नहीं हो पाता।
वास्तु शास्त्र के अनुसार घर की छत भी बहुत खास होती है। अगर इसमें कोई दोष हो तो परिवार के सभी सदस्यों पर इसका अशुभ असर होता है। क्योंकि छत पूरे घर को कवर करती है।
वास्तु दोष के कारण उत्पन्न हुई नकारात्मक ऊर्जा प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से हमें प्रभावित जरूर करती है। घर में वास्तु दोष होने से इसका प्रभाव हमारे भाग्य पर भी पड़ता है।
कार्यस्थल यानी ऑफिस में वास्तु दोष हो तो उसका निगेटिव असर न सिर्फ वहां काम करने वाले लोगों बल्कि बिजनेस की ग्रोथ पर भी पड़ता है। इससे बचने के लिए नकारात्मक ऊर्जा को दूर करना आवश्यक है।
फेंगशुई में अनेक ऐसी चीजें हैं जो ऊर्जा को संतुलित करती है जैसे धातु से बना पिरामिड। यही कारण है नकारात्मक ऊर्जा प्रवाह को दूर करने के लिए पिरामिड का प्रयोग किया जाता है।