पंजाब के पूर्व CM और शिरोमणि अकाली दल के संरक्षक प्रकाश सिंह बादल (Parkash Singh Badal) का 95 साल की उम्र में निधन हो गया। उन्हें सांस लेने में तकलीफ की शिकायत के बाद मोहाली के फोर्टिस अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
राजस्थान में सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से जीत ली एक और जंग। रामप्रसाद मीणा सुसाइड मामले में धरने पर बैठ पीड़ित परिवार को दिलाया न्याय। परिवार को 50 लाख रुपए के साथ आश्रितों को संविदा पर नौकरी देने पर बनी सहमति।
यूपी के श्रावस्ती में दर्दनाक हादसा सामने आया। यहां अंतिम संस्कार में शामिल होने जा रहे इनोवा के पेड़ से टकराने के बाद 6 लोगों की मौत हो गई। वहीं इस हादसे में 8 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए।
एक्ट्रेस आकांक्षा दुबे का अंतिम संस्कार मणिकर्णिका घाट पर हुआ। एक्ट्रेस का शव होटल में मिला था। आकांक्षा के सुसाइड के पीछे की अहम वजह परिजन लिव इन पार्टनर के साथ अनबन सामने आ रही है। हालांकि मामले में पुलिस पड़ताल कर रही है।
महेश भट्ट अपनी प्रोफेशनल लाइफ से कहीं ज्यादा पर्सनल लाइफ की वजह से सुर्खियों में रहते हैं। हाल ही में वो अरबाज खान के चैट शो 'द इन्विंसिबल विद अरबाज खान' में पहुंचे, जहां उन्होंने अपनी लाइफ से जुड़े कई खुलासे किए।
माधुरी दीक्षित की मां स्नेहलता दीक्षित का 12 मार्च की सुबह निधन हो गया। उन्होंने 91 साल की उम्र में आखिरी सांस ली। स्नेहलता दीक्षित का अंतिम संस्कार रविवार शाम को वर्ली स्थित श्मशान में किया जाएगा।
66 साल के सतीश कौशिक अब हमारे बीच नहीं रहे। गुरुवार देर शाम मुंबई में उनकी अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान बड़ी संख्या में बॉलीवुड सेलेब्स मौजूद थे। पापा के अंतिम संस्कार के बाद बेटी वंशिका ने एक फोटो शेयर की, जिसने सभी को भावुक कर दिया।
सतीश कौशिक के दोस्त अनुपम खेर ने उनके निधन की पुष्टि की है। उन्होंने बताया सतीश का पार्थिव शरीर गुड़गांव के फोर्टिस अस्पताल में है। पोस्टमार्टम के बाद दोपहर में उनकी बॉडी को मुंबई स्थित आवास पर लाया जाएगा और फिर उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
मुजफ्फरनगर निवासी एक बुजुर्ग ने अपनी तकरीबन डेढ़ करोड़ की संपत्ति को राज्यपाल के नाम पर लिख दिया है। बुजुर्ग ने बताया कि बेटे और बहू उसकी देखभाल नहीं करते हैं। इसी के चलते उसने यह फैसला लिया है।
बुधवार की रात पिता का देहांत हो गया। बेटा देवेंद्र पूरी रात रोता रहा। अगले दिन बारहवीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा थी। परिजन परीक्षा को लेकर चिंतित थे, पर युवक के जेहन में दुविधा नहीं बल्कि अपने पिता के सपनों को साकार करने की चाहत थी।