सार
बुधवार की रात पिता का देहांत हो गया। बेटा देवेंद्र पूरी रात रोता रहा। अगले दिन बारहवीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा थी। परिजन परीक्षा को लेकर चिंतित थे, पर युवक के जेहन में दुविधा नहीं बल्कि अपने पिता के सपनों को साकार करने की चाहत थी।
देवास। बुधवार की रात पिता का देहांत हो गया। बेटा देवेंद्र पूरी रात रोता रहा। अगले दिन बारहवीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा थी। परिजन परीक्षा को लेकर चिंतित थे, पर युवक के जेहन में दुविधा नहीं बल्कि अपने पिता के सपनों को साकार करने की चाहत थी। पिता अपने बेटे को पढाई के लिए प्रेरित करते थे, उसका असर दिखा। गुरुवार को युवक ने पहले हिंदी विषय की परीक्षा दी और फिर परीक्षा से लौटकर पिता का अंतिम संस्कार किया।
50 वर्षीय पिता की हार्टअटैक से मौत
दरअसल, मध्य प्रदेश के देवास शहर के आवास नगर निवासी जगदीश सोलंकी का अचानक बुधवार की रात को हार्ट अटैक की वजह से निधन हो गया। उनकी उम्र लगभग 50 वर्ष थी। वह नगर संपत्ति कर विभाग में कार्यरत थे। असमय पिता की मौत से बेटे देवेंद्र को सदमा लगा। पिता की मौत के बाद वह पूरी रात रोता बिलखता रहा। परिवार में पिता ही अकेले कमाऊ सदस्य थे।
सुबह दी हिंदी विषय की परीक्षा
12वीं कक्षा के स्टूडेंट देवेंद्र की गुरुवार को हिंदी विषय की परीक्षा भी थी। दुविधा यह थी कि पिता की लाश को घर में छोड़कर बेटा पहले परीक्षा देने जाए या फिर पिता का अंतिम संस्कार करे। परिजन व आसपास के लोग भी इसको लेकर चिंतित थे। पर परिवार ने युवक को ढांढस बधाया, हिम्मत दी। उसके बाद देवेंद्र ने पहले सुबह हिंदी विषय की परीक्षा दी।
फिर किया पिता का अंतिम संस्कार
पिता की मौत के बाद लगे सदमे के बावजूद देवेंद्र ने हिम्मत नहीं हारी। दुख और दर्द के बीच वह परीक्षा देने गया। परीक्षा देने के बाद युवक ने अपने पिता का अंतिम संस्कार किया। इस घटना की सूचना युवक के सहपाठियों को भी मिल गयी थी। अंतिम संस्कार के समय बड़ी संख्या में स्टूडेंट भी मौजूद थे। सहपाठियों ने भी युवक को साहस देने का काम किया।
लोग कर रहे देवेंद्र की सराहना
इस घटना के बाद अब लोग देवेंद्र की सराहना कर रहे हैं। युवक का कहना है कि उसके पिता का सपना था कि वह पढाई करे, ताकि उसका भविष्य अच्छा हो सके। इसी वजह से उसने 12वीं की परीक्षा दी। युवक का कहना है कि बोर्ड की परीक्षा के सभी पेपर देगा।