Hanuman Jayanti 2024: हनुमानजी को कलयुग का जीवंत देवता माना जाता है यानी वे कलयुग में भी जीवित हैं। हनुमान जयंती पर हनुमान मंदिरों में भक्तों की भीड़ उमड़ती है, इस दिन कईं आयोजन भी किए जाते हैं।
Hanuman Jayanti 2024 kab Hai: हनुमानजी से जुड़ी अनेक रोचक बातें, परंपराएं और मान्यतएं हमारे धर्म ग्रंथों में बताई गई हैं, लेकिन इनसे जुड़े तथ्यों के बारे में कम ही लोगों को पता है। हनुमानजी को सिंदूर चढ़ाने की परंपरा भी है।
Hanuman Ji Ki Patni Koun Hai: इस बार हनुमान जयंती का पर्व 23 अप्रैल, मंगलवार को मनाया जाएगा। इस दिन हनुमान मंदिरों में विशेष सजावट की जाती है। भक्तों की भीड़ भगवान की एक झलक पाने के लिए लगी रहती है।
एबीवीपी ने नाटक की सामग्री के खिलाफ अपनी आपत्ति जताते हुए कहा कि देवी सीता और भगवान हनुमान जैसे हिंदू देवताओं का अपमान किसी भी सूरत में क्षम्य नहीं है।
भगवान श्रीराम को लंका तक पहुंचाने वाले हनुमान जी आदिवासी थे, जिन्हें बाद में बानर बता दिया गया। दरअसल, यह विवादित बयन मध्य प्रदेश के पूर्व वन मंत्री और धार जिले से कांग्रेस विधायक उमंग सिंघार ने दिया है। जिन्होंने हनुमान की जो आदिवासी बताया है।
Adipurush Movie: भगवान श्रीराम के जीवन पर आधारित मूवी आदिपुरुष 16 जून को बड़े परदे पर रिलीज होने वाली है। इसके पहले फिल्म मेकर्स ने एक बड़ी घोषणा की है। उन्होंने आदिपुरुष के हर शो में एक सीट भगवान हनुमानजी के नाम पर रिजर्व रहेगी।
Bada Mangal 2023: इस बार ज्येष्ठ मास का पहला बड़ा मंगल 9 मई को है। इसे बुढ़वा मंगल भी कहते हैं। इस दिन हनुमानजी की पूजा का विशेष फल प्राप्त होता है। इस पर्व को लेकर कई मान्यताएं और परंपराएं प्रचलित हैं।
Bajrang Baan: इस बार हनुमान जयंती का पर्व 6 अप्रैल, गुरुवार को मनाया जाएगा। इस दिन बजरंग बाण का पाठ किया करना बहुत ही शुभ माना जाता है। बजंरग बाण हनुमानजी की ही स्तुति है। इसका पाठ करने से सभी दुख दूर होते हैं।
Hanuman Jayanti 2023: हनुमानजी की पूजा करते समय कई चीजें विशेष रूप से चढ़ाई जाती हैं। कहा जाता है ये चीजें हनुमानजी को विशेष रूप से प्रिय हैं। खास मौके पर ये चीजें हनुमानजी को चढ़ाई जाएं तो बुरे दिन टल जाते हैं।
Hanuman Jayanti 2023: हनुमानजी को प्रसन्न करने के लिए अनेक उपाय किए जाते हैं। सिंदूर चढ़ाना भी इनमें से एक है। इसके बिना हनुमानजी की पूजा अधूरी मानी जाती है। हनुमानजी को सिंदूर क्यों चढ़ाया जाता है, इसके पीछे कई कथाएं हैं।