सार
मनुस्मृति ग्रंथ में स्त्रियों से संबंधित अनेक नियम बताए गए हैं जिनके अनुसार स्त्रियों को ये 6 काम नहीं करना चाहिए।
उज्जैन. मनुस्मृति हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है। मनुस्मृति में स्त्रियों से संबंधित अनेक नियम बताए गए हैं। उसके अनुसार, स्त्रियों को आगे बताए गए 6 काम नहीं करना चाहिए। ये 6 काम इस प्रकार है-
श्लोक
पानं दुर्जनसंसर्गः पत्या च विरहोटनम्।
स्वप्नोन्यगेहेवासश्च नारीणां दूषणानि षट्।।
अर्थ: 1) सुरापान (शराब पीना), 2) दुष्ट पुरुष की संगत, 3) पति से अलग रहना, 4) बेकार में इधर-उधर घूमना, 5) असमय एवं देर तक सोते रहना व, 6) दूसरे के घर में रहना
ये 6 दोष स्त्रियों को दूषित कर देते हैं।
1) सुरापान (शराब पीना)
मनुस्मृति के अनुसार, महिलाओं को शराब नहीं पीना चाहिए। क्योंकि ऐसा करने पर उन्हें अच्छे-बुरे का भान नहीं रहता और कभी-कभी वह मर्यादाहीन आचरण कर बैठती हैं। शराब पीना न केवल व्यक्ति बल्कि समाज हित के लिए भी हानिकारक है।
2) न रखें दुष्ट पुरुष से मेल-जोल
महिलाओं को दुष्ट पुरुष से मेल-जोल नहीं बढ़ाना चाहिए। ऐसा करने से वह कभी भी किसी मुश्किल में फंस सकती हैं। दुष्ट पुरुष उस स्त्री का उपयोग अपने निजी हित के लिए कर सकता है। दुष्ट पुरुष की संगत में रहने से स्त्री का स्वभाव भी वैसा हो सकता है।
3) पति से अलग रहना
विवाह के बाद स्त्री को पति के ही साथ रहना चाहिए। पति के बीमार होने पर या किसी प्रकार का संकट आने पर भी उसे छोड़ कर नहीं जाना चाहिए। जो महिला पति से अलग रहती हैं, वे हर काम अपनी मनमर्जी से करने लगती हैं। ऐसी महिलाओं में चारित्रिक दोष आने की संभावना अधिक होती है। अतः महिलाओं को पति से अलग नही रहना चाहिए।
4) बेकार में इधर-उधर घूमना
जो महिलाएं बिना किसी काम के इधर-उधर घूमती रहती हैं, वे स्वच्छंद होती हैं यानी ऐसी महिलाएं न तो किसी का कहना मानती हैं और न सामाजिक व पारिवारिक बंधनों को। यदि विवाहित महिला ऐसा करती हैं तो दोनों कुलों के सम्मान में कमी आती है।
5) असमय एवं देर तक सोते रहना
महिलाओं के असमय व देर तक सोने से परिवार में क्लेश की स्थिति बनती है। देर तक सोने के कारण महिलाएं पारिवारिक जिम्मेदारी पूरी नहीं कर पाती और असमय सोने से परिवार वालों के मन में असंतोष पनपता है। अतः महिलाओं को कभी भी असमय व अधिक देर तक नहीं सोते रहना चाहिए।
6) दूसरे के घर में रहना
पिता के घर के बाद पति का घर ही स्त्री के लिए उपयुक्त रहता है। पिता व पति के अतिरिक्त किसी अन्य के घर में रहने से स्त्री के चरित्र में दोष आने की संभावना अधिक रहती है। अतः महिलाओं को दूसरे के घर में अधिक समय तक नहीं रहना चाहिए।