सार
आचार्य चाणक्य (Acharya Chanakya) के विचार आज के समय में भी प्रासंगिक हैं। जब पूरा भारत अलग-अलग खंडों में बंटा हुआ था, तब आचार्य चाणक्य ने अपनी नीतियों से पूरे भारत को एक किया था।
उज्जैन. आचार्य चाणक्य ने अखंड भारत की नींव रखी और चंद्रगुप्त मौर्य को राजा बनाया। आचार्य चाणक्य ने एक ऐसे ग्रंथ की रचना की थी, जिसमें सुखी जीवन के सूत्र बताए गए हैं। इस ग्रंथ का नाम है चाणक्य नीति (Chanakya Niti), इसे नीति शास्त्र भी कहा जाता है। चाणक्य नीति के सूत्रों को जीवन में उतार लिया जाए तो बड़ी से बड़ी परेशानी से भी बचा जा सकता है। आचार्य चाणक्य ने अपनी एक नीति में बताया है कि हमें किस-किस पर भरोसा नहीं करना चाहिए, नहीं तो हम मुसीबत में फंस सकते हैं…
नदीनां शस्त्रपाणीनां नखीनां श्रृंगीणां तथा।
विश्वासो नैव कर्तव्य: स्त्रीषु राजकुलेषु च।।
अर्थ- नदी, शस्त्र धारण करने वाला व्यक्ति, बड़े नाखून और सींगों वाले पशु, चंचल स्त्रियां और सरकारी सेवकों पर भरोसा नहीं करना चाहिए।
नदी पर इसलिए न करें भरोसा
आचार्य चाणक्य के अनुसार, नदी पर कभी भरोसा नहीं करना चाहिए। क्योंकि उसकी गहराई और बहाव का अंदाजा किसी को भी नहीं होता। कई बार जो नदी बाहर से शांत दिखाई देती है वो काफी गहरी हो सकती है, जिसके कारण हमारी जान भी जा सकती है। कई बार अचानक नदी का बहाव तेज होने से भी प्राणों का संकट बढ़ सकता है।
हथियार वाले व्यक्ति पर भरोसा न करें
जिस व्यक्ति के हाथ में शस्त्र हो, उस पर भरोसा करना खतरनाक हो सकता है। शस्त्रधारी क्रोध में आकर किसी पर भी हमला कर सकता है। कई बार ऐसी स्थिति में उन लोगों को भी चोट लग सकती है जो निर्दोष होते हैं। इसलिए आचार्य चाणक्य ने कहा है कि शस्त्रधारियों पर भूलकर भी भरोसा न करें, इससे नुकसान हो सकता है।
सींग और नाखून वाले पशु भी होते हैं खतरनाक
जिन जानवरों के नाखून और सींग नुकीले होते हैं उन पर विश्वास करने वाले को जान का जोखिम बन सकता है। जानवर कभी भी भड़क सकते हैं और हमें नुकसान पहुंचा सकते हैं। ऐसे जानवरों को पालना भी खतरे से कम नहीं होता। कई बार ये जानवर अपने मालिक पर ही जानलेवा हमला कर देते हैं। इसलिए बड़े सींग और नाखून वाले पशुओं पर अत्यधिक भरोसा न करें तो बेहतर है।
चंचल स्त्री बढ़ा सकती है परेशानी
आचार्य चाणक्य के अनुसार, कुछ स्त्रियों का स्वभाव बहुत चंचल होता है। ऐसी अवस्था में इनका मन एक जगह नहीं टिकता और लगातार बदलता रहता है। ऐसी स्त्रियों का साथ हमारे लिए मुसीबत का कारण बन सकता है। इसका बुरा असर हमारे परिवार पर भी हो सकता है। इसलिए आचार्य चाणक्य ने चंचल स्त्री पर विश्वास करने से मना किया है।
इन लोगों पर भी पूरी तरह न करें भरोसा
जो लोग राजा के करीबी यानी बड़े अधिकारी के सेवक या मित्र हों, उन पर भी जरूरत से ज्यादा विश्वास नहीं करना चाहिए। ऐसे लोगों को भरोसा करके अगर हम अपने राज की बातें इन्हें बता देंगे तो ये उन बातों का हमारे खिलाफ उपयोग कर सकते हैं। और अपनी जान-पहचान का उपयोग कर हमें नुकसान पहुंचा सकते हैं।
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