सार
Chanakya Niti: वर्तमान समय में किसी पर भी आंख मूंदकर भरोसा नहीं करना चाहिए क्योंकि किस व्यक्ति के मन में क्या छिपा है कोई नहीं जानता। हमारे धर्म ग्रंथ भी यही कहते हैं। जरूरत से ज्यादा किसी पर विश्वास हमें नुकसान पहुंचा सकता है।
उज्जैन. आचार्य चाणक्य (Chanakya Niti) हमारे देश के विद्ववानों में से एक थे। उन्होंने ही अखंड भारत की नींव रखी और एक साधारण युवक चंद्रगुप्त को देश का चक्रवर्ती सम्राट बना दिया। आचार्य चाणक्य ने नीतिशास्त्र की रचना की थी। इसे चाणक्य नीति भी कहा जाता है। इस ग्रंथ में सुखी और सफल जीवन के लिए नीतियां बताई गई हैं। आचार्य चाणक्य ने अपनी एक नीति में बताया है कि किस पर भी भरोसा करने से पहले उसे किस कसौटियों पर परखना चाहिए, ताकि हम धोखा खाने से बच सकें। आगे जानिए इन कसौटियों के बारे में…
यथा चतुर्भि: कनकं परीक्ष्यते निघर्षणं छेदनतापताडनै:।
तथा चतुर्भि: पुरुषं परीक्ष्यते त्यागेन शीलेन गुणेन कर्मणा।।
आचार्य चाणक्य के अनुसार, जिस तरह सोने के परखने के लिए उसे रगड़ा, काटा, आग में तपाया और पीटा जाता है। उसी तरह मनुष्य को परखने के लिए उसमें त्याग, शील, गुण और कर्म आदि बातों को देखना चाहिए।
त्याग भावना देखें
आचार्य चाणक्य के अनुसार, जिस व्यक्ति में त्याग की भावना होगा, वो किसी को धोखा नहीं दे सकता। अगर कोई व्यक्ति दूसरों के सुख के लिए खुद के सुख का त्याग करता है तो उस पर भरोसा किया जा सकता है। ऐसे लोग दूसरों के भले के लिए अपना नुकसान करवाने से भी चूकते। ऐसे लोग हमेशा मानवता को सही दिशा दिखाते हैं। इन पर भरोसा किया जा सकता है।
चरित्र यानी कैरेक्टर देखें
किसी भी व्यक्ति का चरित्र ही उसके बारे में मूल्यांकन करने का सबसे आसान माध्यम होता है। चरित्र से अर्थ है व्यक्ति का चाल-चलन। जिस व्यक्ति का चाल-चलन ठीक हो और वह दूसरों के बारे में गलत शब्दों का उपयोग नहीं करता और न ही बुराई करता है, ऐसे व्यक्ति भी भरोसेमंद होते हैं।
व्यक्ति के गुण भी जरूर देखें
आचार्य चाणक्य के अनुसार, जिन लोगों में क्रोध, आलस्य, स्वार्थ, घमंड, झूठ बोलना जैसे अवगुण होते हैं, उन पर भरोसा करने से बचना चाहिए। जो लोग शांत स्वभाव, हमेशा सच बोलने वाले हैं, वे श्रेष्ठ इंसान होते हैं। ऐसे लोगों पर आसानी से भरोसा किया जा सकता है।
कर्म यानी वो क्या काम करता है, ये भी देखें
जो लोग गैरकानूनी काम करते हैं और धन कमाते हैं, उन पर भरोसा करने की गलती भूलकर भी नहीं करनी चाहिए। ऐसे लोग खुद के स्वार्थ के लिए किसी को भी धोखा दे सकते हैं। धर्म और नीति से धन कमाने वाले लोगों पर विश्वास करना चाहिए। यानी जो मेहनत और ईमानदारी से अपनी जीविका चला रहा हो, उस पर भरोसा किया जा सकता है।
ये भी पढ़ें-
Vivah Panchami 2022: श्रीराम सीता स्वयंवर में गए थे या नहीं, कितनी आयु में हुआ था इनका देवी सीता से विवाह?
Interesting facts of Ramayana: दो अलग-अलग पिता की संतान थे वानरराज बाली और सुग्रीव, फिर ये भाई कैसे हुए?
महाभारत का फेमस कैरेक्टर था ये ’ट्रांसजेंडर’, श्राप-वरदान और बदले से जुड़ी है इनकी रोचक कहानी
Disclaimer : इस आर्टिकल में जो भी जानकारी दी गई है, वो ज्योतिषियों, पंचांग, धर्म ग्रंथों और मान्यताओं पर आधारित हैं। इन जानकारियों को आप तक पहुंचाने का हम सिर्फ एक माध्यम हैं। यूजर्स से निवेदन है कि वो इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें। आर्टिकल पर भरोसा करके अगर आप कुछ उपाय या अन्य कोई कार्य करना चाहते हैं तो इसके लिए आप स्वतः जिम्मेदार होंगे। हम इसके लिए उत्तरदायी नहीं होंगे।