सार

आचार्य चाणक्य ने जीवन को सुखी और सफल बनाने के लिए नीति शास्त्र की रचना की थी। आचार्य ने अपनी नीतियों से एक सामान्य बालक चंद्रगुप्त को अखंड भारत का सम्राट बना दिया था।

उज्जैन. इंसान किन परिस्थितियों कैसा व्यवहार करना चाहिए, किन लोगों से मित्रता करनी चाहिए, लक्ष्य पाने के लिए किन बातों का ध्यान रखना चाहिए। ये सारी बातें चाणक्य नीति में बताई गई हैं। आचार्य चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र में कुछ काम ऐसे बताए हैं, जिनसे किसी भी व्यक्ति का जीवन बर्बाद हो सकता है। इन कामों से हर इंसान को बचना चाहिए। आचार्य चाणक्य कहते हैं कि-

आत्पद्वेषाद् भवेन्मृत्यु: परद्वेषाद् धनक्षय:।
राजद्वेषाद् भवेन्नाशो ब्रह्मद्वेषाद कुलक्षय:।।

1. इस श्लोक में आचार्य ने बताया है कि हमें कभी भी किसी राजा या सरकार से जुड़े लोगों से बैर नहीं करना चाहिए। जो लोग शासन से विरोध करते हैं, उनका जीवन बर्बाद हो सकता है। आज के समय में किसी बड़े अधिकारी या बड़े व्यक्ति से दुश्मनी होना निश्चित ही परेशानियों का कारण बन सकता है। जब तक हम खुद अच्छी स्थिति में ऐसे लोगों से दुश्मनी नहीं करना चाहिए।
2. आचार्य ने बताया है कि जब कोई व्यक्ति खुद को महत्व नहीं देता है, बार-बार भाग्य को कोसता रहता है, खुद के शरीर का ध्यान नहीं रखता, खान-पान में लापरवाही करता है तो व्यक्ति का जीवन बर्बाद हो सकता है। मनुष्य स्वयं ही अपना सबसे बड़ा मित्र है और स्वयं ही अपना सबसे बड़ा शत्रु भी है। इसीलिए हमें खुद के शरीर का पूरा ध्यान रखना चाहिए।
3. कभी भी अपने से ज्यादा ताकतवर इंसान से शत्रुता नहीं करनी चाहिए। ऐसा करने पर धन का नाश हो सकता है और हमारी जान का जोखिम बना रहता है। इसीलिए कभी भी ज्यादा बलवान व्यक्ति से सावधान रहना चाहिए।
4. हमेशा ध्यान रखें कभी भी किसी विद्वान या ब्राह्मण का अनादर नहीं करना चाहिए। ऐसे लोगों का अपमान करने से हमारा जीवन बर्बाद हो सकता है।