सार

आज (25 दिसंबर) क्रिसमस है (Christmas 2021)। ये ईसाई समुदाय का सबसे बड़ा फेस्टिवल है। इस दिन लगभग हर चर्च में प्रभु यीशु का जन्मोत्सव मनाया जाता है। ये उत्सव 24 दिसंबर की रात से शुरू हो जाता है। इस पर्व से जुड़ी कई परंपराएं और मान्यताएं भी हैं।

उज्जैन. क्रिसमस प्रभु यीशु के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। इस दिन चर्चों को सजाया जाता है और यहां विशेष प्रार्थनाएं भी की जाती हैं। वैसे तो दुनिया में हजारों चर्च हैं, इन सभी में कुछ बहुत ही खास हैं। क्रिसमस के मौके पर हम आपको कुछ ऐसी चर्चों के बारे में बता रहे हैं। इन सभी से कोई न कोई खास बात जरूर जुड़ी हैं। इन चर्चों को देखने हजारों पर्यटक रोज जाते हैं। आप भी जानिए इन चर्चों के बारे में खास बातें…

सेंट पीटर बेसेलिका: यह चर्च विश्व की सबसे बड़ी धार्मिक ईमारत है। इस चर्च की बनावट भी बहुत खूबसूरत है। यहां एक साथ 60000 लोग प्रार्थना कर सकते हैं। यह चर्च रोम की वेटिकन सिटी में स्थित है। कैथोलिक परंपरा यह मानती है कि बेसिलिका सेंट पीटर का दफन स्थल है, जो यीशु के प्रेरितों में प्रमुख है और रोम का पहला बिशप (पोप) भी है। माना जाता है कि सेंट पीटर का मकबरा बेसिलिका की ऊंची वेदी के ठीक नीचे है।

लॉस लॉजास केथेड्रल चर्च: लॉस लॉजास केथेड्रल चर्च सन् 1916 में कंबोडिया में बनाया गया। एक किवदंती के अनुसार यहां वर्जिन मेरी खुद प्रकट हुई थी। इसके अनुसार मारिया मुसेस नाम की एक महिला जो अपने गूंगे बहरे बच्चे रोजा को पीठ पर लेकर पहाड़ चढ़ रही थी। वह पहाड़ पर चढ़कर थकान के कारण एक जगह पर बैठ गई। उसी ने अपने बच्चे के साथ यहां घूमते हुए वर्जिन मेरी की रहस्यमयी तस्वीर की खोज की उसके बाद यहां इस चर्च का निर्माण किया गया।

लॉ सागारदा चर्च: यह चर्च दुनिया के सबसे आकर्षक चर्च में से एक है। इसका निर्माण सन् 1882 में शुरु किया गया। यह चर्च बर्सिलोना स्पेन में स्थित है। पूरे चर्च में क्रिश्चयन धर्म और यीशु के जन्म, जीवन यात्रा और मृत्यु को बताते हुए लगभग 18 खूबसूरत टावर बनाए गए हैं।

बेसिल केथेड्रल चर्च: यह चर्च रशिया के मास्को शहर में है। इसका नाम संत बेसिल के नाम पर रखा गया है। इस चर्च का निर्माण बहुत ही आकर्षक ढंग से किया गया है। इसके खूबसूरत गुंबद किसी का भी ध्यान अपनी तरफ आकर्षित कर लेते हैं।

हागिया सोफिया: हागिया सोफिया दुनिया के प्राचीन और आकर्षक चर्च में से एक है। हालांकि, यह अब इस्तांबुल का एक संग्राहलय है, लेकिन इसे बीजान्टिन वास्तुकला का सबसे बेहतरीन नमूना माना जाता है। इस चर्च का निर्माण बीजान्टिन सम्राट जस्टीनिन के द्वारा पूरा किया गया था।

नोट्रेडेम चर्च: नोट्रेडेम चर्च के निर्माण का काम सन् 1163 में शुरू हुआ था। इस चर्च का आर्किटेक्चर बहुत सुंदर और लाजवाब है। यह चर्च पेरिस में स्थित है।

हैल ग्रिम्सबी चर्च: यह चर्च आइसलैंड शहर के बीचों बीच स्थित है। इसका नाम एक प्रसिद्ध लेखक हैल ग्रिम्सबी के नाम पर रखा गया था। यह चर्च मूल रूप से आठ दशक पुराना है। इसका निर्माण कार्य 1940 में शुरू किया गया था।

द जुबली चर्च: यह चर्च रोम में स्थित है। इसका डिजाइन सन् 1996 में रिचर्ड मयार ने बनाया था। इस चर्च की दीवारें घुमावदार हैं। इसे रचर्ड मयार ने रोम का क्राउन कहा है।


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