सार

हिंदू धर्म में अनेक परंपराएं हैं। ये परंपराएं हमारे दैनिक जीवन से भी जुड़ी हैं। हिंदू धर्म में एक परंपरा जमीन पर बैठकर भोजन करने की भी है। इस परंपरा से जुड़े कई फायदे भी आयुर्वेद में बताए गए हैं।

उज्जैन. हिंदू धर्म में अनेक परंपराएं हैं। ये परंपराएं हमारे दैनिक जीवन से भी जुड़ी हैं। हिंदू धर्म में एक परंपरा जमीन पर बैठकर भोजन करने की भी है। बदलते समय के साथ अब ये परंपरा खत्म होती जा रही है क्योंकि लोग अपने घरों में भी टेबल-कुर्सी पर बैठकर भोजन करते हैं। इस परंपरा से जुड़े कई फायदे भी आयुर्वेद में बताए गए हैं। आज हम आपको उन्हीं फायदों के बारे में बता रहे हैं, जो इस प्रकार हैं…

1. जमीन पर बैठकर खाने से रीढ़ की हड्डी और पीठ से जुड़ी समस्याएं नहीं होतीं। कमर, कूल्हों और घुटनों की एक्सरसाइज हो जाती है।
2. अगर आप दिल के मरीज़ हैं तो आपको आज ही नीचे बैठकर खाना खाना शुरू कर देना चाहिए। असल में, खाना जब जमीन पर बैठकर खाया जाता है तब खून का संचार दिल तक आसानी से होता है।
3. जमीन पर बैठकर खाने से कूल्हे के जोड़, घुटने और टखने लचीले बनते हैं। इस लचीलेपन से जोड़ों की चिकनाई बनी रहती है, जो आगे चलकर उठने-बैठने की दिक्कत को आने नहीं देती।
4. जब आप नीचे बैठकर खाना खाते हैं तो आप जिन दो पोज़िशन में बैठते हैं वो या तो सुखासन होती है या पदमासन। ये दोनों आसन पाचन क्रिया को बेहतर बनाते हैं।
5. जमीन पर बैठकर खाना धीरे-धीरे खाया जाता है। इससे कम मात्रा में खाना खाया जाता है और यह शरीर के लिए बहुत ही अच्छा है। साथ ही, इससे अधिक कैलोरी नहीं ले पाते, इससे आप ओवरईटिंग से भी बच जाते हैं।

जमीन पर बैठकर खाने के ये फायदे भी पढ़ें

ग्रंथों के अनुसार बैठकर भोजन करना होता है फायदेमंद, जानिए इससे हमें क्या-क्या लाभ मिलते हैं