सार

हिंदू कैलेंडर का आखिरी महीना फाल्गुन 17 फरवरी, गुरुवार से शुरू हो गया है। इस आध्यात्म के साथ उत्सव का भी महीना है। फाल्गुन (falgun month 2022) में रंगों के त्योहार के साथ ही शिव-पार्वती, भगवान विष्णु-लक्ष्मी, श्रीकृष्ण और चंद्रमा की पूजा करने का विधान पुराणों में बताया गया है।

उज्जैन. फाल्गुन वसंत ऋतु के उत्सव का भी महीना है। धर्म ग्रंथों में भी इस महीने से जुड़ी कई बातें बताई गए हैं। इसलिए इसका महत्व कई गुना अधिक है। श्रीमद्भागवत में भगवान श्रीकृष्ण ने स्वयं कहा है कि महीनों में मैं फाल्गुन (falgun month 2022) हूं। इस बार फाल्गुन मास 17 फरवरी से 18 मार्च तक रहेगा। इस दौरान कई व्रत-त्योहार मनाए जाएंगे। इस महीने से जुड़े कई नियम पुराणों में बताए गए हैं। आज हम आपको उसी के बारे में बता रहे हैं, जो इस प्रकार है…

फाल्गुन मास में क्या करें और क्या नहीं?
- आयुर्वेद के मुताबिक इस महीने भोजन में अनाज का इस्तेमाल कम से कम करना चाहिए और फलों का सेवन करना चाहिए। 
- फाल्गुन महीने में ठंडे जल से स्नान करना चाहिए। सोते समय ज्यादा गरम कंबल नहीं ओढ़ने चाहिए। 
- हल्के कपड़े पहनने चाहिए। संतुलित श्रंगार करना चाहिए। गर्म पानी से नहीं नहाना चाहिए। 
- मौसम में परिवर्तन के कारण शरीर में गर्म पानी से नहाने के कारण कुछ कमजोरी या संक्रमण की आशंका होती है।

किस देवता की पूजा करें फाल्गुन मास में?
फाल्गुन मास में भगवान कृष्ण और विष्णुजी की पूजा करनी चाहिए। इस महीने भगवान के बालकृष्ण रूप की पूजा से संतान सुख मिलता है। राधा-कृष्ण रूप की पूजा करने से सुख और समृद्धि बढ़ती है। इस महीने भगवान विष्णु की पूजा करने से हर तरह के दोष और पाप खत्म हो जाते हैं। फाल्गुन में फाग उत्सव भी मनाया जाता है। ये भगवान श्रीकृष्ण से संबंधित है। इस महीने भगवान कृष्ण को लगाए जाने नैवेद्य में भी बदलाव होता है।

सुगंधित फूलों से करें कृष्ण पूजा
इस महीने में भगवान विष्णु की आराधना करने से उनकी कृपा मिलती है। साथ ही भगवान श्रीकृष्ण की आराधना विभिन्न तरह के सुगंधित फूलों से करने का विधान बताया गया है। फाल्गुन में शंख में सुगंधित जल और दूध भरकर भगवान का अभिषेक करने से हर तरह के पाप खत्म हो जाते हैं। इस महीने भगवान श्रीकृष्ण को माखन-मिश्री का नैवेद्य लगाने से आरोग्य और समृद्धि मिलती है।

 

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