सार

बृहस्पति देवताओं के गुरु हैं। उन्होंने ऐसी कई बातें बताई हैं, जो हर किसी के लिए बहुत काम की साबित हो सकती हैं।

उज्जैन. बृहस्पति ने ऐसे नीतियों का वर्णन किया है, जो किसी भी मनुष्य को सफलता की राह पर ले जा सकती हैं।

1. हर परिस्थिति में भगवान को याद रखें
श्लोक-
सकृदुच्चरितं येन हरिरित्यक्षरद्वयम्।
बद्धः परिकरस्तेन मोक्षाय गमनं प्रति।।

अर्थात- मनुष्य को हर परिस्थिति में भगवान को याद करना चाहिए, क्योंकि भगवान का स्मरण ही हर सफलता की कुंजी हैं। जो मनुष्य इस बात को समझ लेता है, उसे जीवन में सभी सुख मिलते हैं, साथ ही स्वर्ग पाना भी संभव हो जाता है।

2. दुर्जनों को छोड़, सज्जनों की संगती करें
श्लोक-
त्यज दुर्जनसंसर्ग भज साधुसमागमम्।
कुरु पुण्यमहोरात्रं स्मर नित्यमनित्यताम्।।

अर्थात- मनुष्य को दुर्जन यानी बुरे विचारों और आदतों वाले लोगों की संगति छोड़कर, बुद्धिमान और सज्जन लोगों से दोस्ती करनी चाहिए। सज्जन लोगों की संगति में ही मनुष्य दिन-रात धर्म और पुण्य के काम कर सकता है।


3. हर कोई मनुष्य का साथ छोड़ देता हैं, लेकिन धर्म नहीं।
श्लोक-
तैस्तच्छरीरमुत्सृष्टं धर्म एकोनुग्च्छति।
तस्ताद्धर्मः सहायश्च सेवितव्यः सदा नृभिः।।

अर्थात- हर कोई कभी न कभी मनुष्य का साथ छोड़ देता है, लेकिन धर्म कभी मनुष्य का साथ नहीं छोड़ता। जब कोई भी अन्य मनुष्य या वस्तु आपका साथ नहीं देते, तब आपके द्वारा किए गए धर्म और पुण्य के काम ही आपकी मदद करते हैं और हर परेशानी में आपकी रक्षा करते हैं।