सार

चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को गणगौर तीज का पर्व मनाया जाता है। इस दिन महिलाएं देवी पार्वती और शिवजी की विशेष पूजा करती हैं। इस बार ये पर्व 15 अप्रैल, गुरुवार को है।

उज्जैन. महिलाएं माता की पूजा करके अपने घर-परिवार और पति के सौभाग्य की कामना करती हैं। ये तिथि चैत्र मास की नवरात्र में आती है। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार जानिए देवी पार्वती और शिवजी की पूजा कैसे कर सकते हैं...

- गणगौर तीज की सुबह स्नान के बाद किसी मंदिर जाएं या घर के मंदिर में ही पूजा की व्यवस्था करें। मंदिर पहुंचकर भगवान शिव के साथ ही माता पार्वती, भगवान गणेश, कार्तिकेय स्वामी और नंदी को गंगाजल या पवित्र जल अर्पित करें।
- जल अर्पित करने के बाद शिवलिंग पर चंदन, चावल, बिल्वपत्र, आंकड़े के फूल और धतूरा सहित अन्य पूजन सामग्री चढ़ाएं।
- पूजा में ऊँ उमामहेश्वराभ्यां नमः मंत्र का जाप करते रहें।भगवान शिव और माता पार्वती के सामने शुद्ध घी का दीपक जलाएं। मौसमी फलों का भोग लगाएं।
- शिवजी की आरती में दीपक के लिए गाय के दूध से बने घी का उपयोग करना चाहिए और कर्पूर से आरती करें। आधी परिक्रमा करें।
- पूजा में हुई अनजानी भूल के लिए क्षमा याचना करें। अंत में हाथ जोड़कर भगवान माता पार्वती और शिवजी से मनोकामना पूर्ति के लिए प्रार्थना करें।
- घर-परिवार और पति के सौभाग्य की कामना करें। पूजा के बाद प्रसाद खुद भी ग्रहण करें और अन्य भक्तों को भी बाटें।