सार

माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को वसंत पचंमी का पर्व मनाया जाता है। इस बार ये पर्व 30 जनवरी, गुरुवार को है। इस दिन मुख्य रूप से देवी सरस्वती की पूजा की जाती है।

उज्जैन. स्कूल, कॉलेजों और अन्य शिक्षण संस्थानों में देवी सरस्वती का चित्र विशेष तौर पर लगाया जाता है, ताकि विद्यार्थी उन चित्रों में छिपे मैनेजमेंट टिप्स समझ सकें और अपने भविष्य को बेहतर बना सकें। ये मैनेजमेंट टिप्स इस प्रकार हैं-

1. मां सरस्वती हमेशा सफेद वस्त्रों में होती हैं। इसके दो संकेत हैं पहला हम जो भी ज्ञान अर्जित करें वह सकारात्मक हो। दूसरा यह कि विद्यार्थी जीवन में कोई दुर्गुण हमारे चरित्र में न हो। वह एकदम साफ हो।

2. एक हाथ में पुस्तक, संदेश देती है कि विद्यार्थी कभी पुस्तकों से अलग न हों, भौतिक रूप से भले ही कभी किताबों से दूर रहें, लेकिन मानसिक रूप से हमेशा किताबों के साथ रहें।

3. एक हाथ में माला है, यह बताती है कि हमें हमेशा चिंतन में रहना चाहिए, जो ज्ञान अर्जित कर रहे हैं, उसका लगातार मनन करते रहें, इससे आपकी मेधा बढ़ेगी।

4. दो हाथों से वीणा का वादन, यह संकेत करता है कि विद्यार्थी जीवन में ही संगीत जैसी ललित कलाओं प्रति भी हमारी रुचि होनी चाहिए। संगीत हमारी याददाश्त बढ़ाने में भी सहायक होता है।

5. चित्र में देवी सरस्वती नदी किनारे एकांत में बैठी है, यह संकेत है कि विद्यार्जन के लिए एकांत भी आवश्यक है। विद्यार्थी को थोड़ा समय एकांत में भी बिताना चाहिए।

6. सरस्वती के पीछे सूरज भी उगता दिखाई देता है, यह बताता है कि पढ़ाई के लिए सुबह का समय ही श्रेष्ठ है।

7. सरस्वती के सामने दो हंस हैं, ये बुद्धि के प्रतीक हैं, हमारी बुद्धि रचनात्मक और विश्लेषणात्मक दोनों होनी चाहिए।