सार
हमारे देश में हनुमानजी के अनेक प्राचीन और एतिहासिक मंदिर हैं। इन सभी की अपनी अलग-अलग विशेषता है। हनुमानजी ऐसा ही एक मंदिर तेलंगाना (Telangana) के खम्मम (Hanuman Temple, Khammam) जिले में भी है। इस मंदिर की विशेषता है कि यहां हनुमानजी अपनी पत्नी सुवर्चला के साथ स्थापित हैं।
उज्जैन. पूरे भारत में सिर्फ यही एक मंदिर है जहां हनुमान के गृहस्थ रूप से दर्शन होते हैं। मान्यता है कि इस मंदिर में दर्शन करने से वैवाहिक जीवन से जुड़ी परेशानियां खत्म हो जाती हैं। ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को इस मंदिर में हनुमानजी का विवाह उत्सव बड़े ही धूम-धूम से मनाया जाता है। अनेक धर्म ग्रंथों में हनुमानजी को अविवाहित बताया गया है, लेकिन पाराशर संहिता में इनके विवाह का वर्णन मिलता है। उसी के आधार पर इस मंदिर का निर्माण किया गया है। यह मंदिर कई सौ साल पुराना है। हनुमान जयंती (Hanuman Jayanti 2022) (16 अप्रैल, शनिवार) के मौके पर हम आपको इस मंदिर से जुड़ी खास बातें बता रहे हैं, जो इस प्रकार है…
ये भी पढ़ें- Hanuman Jayanti 2022 Upay: हनुमान जयंती पर करें ये आसान उपाय, धन लाभ के साथ होंगे दूसरे फायदे भी
ये है हनुमानजी के विवाह से जुड़ी कथा
- पाराशर सहिंता के अनुसार, हनुमान जी ने सूर्यदेव को अपना गुरु बनाया और उनके शिक्षा प्राप्त करन लगे। हनुमान जी को ज्ञान देते समय सूर्य के सामने एक दिन धर्मसंकट खड़ा हो गया। कुल 9 तरह की विद्या में से हनुमान जी को उनके गुरु ने 5 विद्याओं का ज्ञान तो दे दिया था, लेकिन शेष चार तरह की विद्या और ज्ञान ऐसे थे जो केवल किसी विवाहित को ही सिखाए जा सकते थे।
- लेकिन हनुमानजी अविवाहित थे और ब्रह्मचर्य का पालन करने का संकल्प ले चुके थे, इसलिए वे विद्याएं सीखाना सूर्यदेव के लिए कठिन था। लेकिन हनुमानजी भी पूरी 9 विद्याओं का ज्ञान पाना चाहते थे। इसके लिए वे संकल्पबद्ध थे।
- इस धर्म संकट की स्थिति से निपटने के लिए सूर्यदेव को हनुमानजी विवाह करने की सलाह दी। अब धर्म संकट की स्थिति हनुमानजी का सामने बन गई। तब सूर्यदेव ने हनुमानजी का विवाह अपनी परम तपस्वी पुत्री सुवर्चला से करवा दिया। इसके बाद हनुमान जी ने अपनी शिक्षा पूर्ण की और सुवर्चला सदा के लिए अपनी तपस्या में रत हो गई।
- पाराशर संहिता में तो लिखा गया है कि खुद सूर्यदेव ने इस शादी पर यह कहा कि यह शादी ब्रह्मांड के कल्याण के लिए ही हुई है और इससे हनुमान जी का ब्रह्मचर्य भी प्रभावित नहीं हुआ। इस प्रकार हनुमानजी का विवाह भी हो गया और वे उनके ब्रह्मचर्य का व्रत भी नहीं टूटा।
कैसे पहुंचें मंदिर?
खम्माम हैदराबाद से लगभग 22 किमी दूर है। यहां से सबसे नजदीक हवाई अड्डा हैदराबाद में ही है। वहां से खम्मम के लिए कई साधन उपलब्ध हैं। ये शहर सड़क और रेल मार्ग द्वारा राज्य के तथा देश के अन्य हिस्सों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है।
ये भी पढ़ें
Mahavir Jayanti 2022: कौन थे भगवान महावीर, क्यों मनाते हैं इनकी जयंती? जानिए इनसे जुड़ी खास बातें
Baisakhi 2022: बैसाखी पर हुई थी खालसा पंथ की स्थापना, सिक्खों की कुर्बानी से जुड़ी है ये महत्वपूर्ण घटना
Baisakhi 2022: इस साल कब मनाया जाएगा बैसाखी पर्व? जानिए क्यों मनाते हैं ये उत्सव व अन्य खास बातें
राहु-केतु के राशि परिवर्तन से बन रहे हैं प्राकृतिक आपदा और दुर्घटना के योग, कामकाज में भी हो सकता है बदलाव
Hanuman Jayanti 2022: 16 अप्रैल को रवि योग में मनाई जाएगी हनुमान जयंती, ये है पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और कथा
राहु के राशि परिवर्तन से बढ़ सकती हैं इन 4 राशि वालों की परेशानी, कहीं आप भी तो नहीं इस लिस्ट में