सार
चैत्र मास की पूर्णिमा को हनुमान जयंती का पर्व मनाया जाता है। इस बार ये पर्व 8 अप्रैल, बुधवार को है।
उज्जैन. इस मौके पर हम आपको बता रहे हैं भगवान हनुमान से जुड़ी एक खास जगह के बारे में। लोक मान्यता है कि इसी स्थान पर हनुमानजी का जन्म हुआ था। ये जगह है झारखंड के गुमला नामक जिले के आंजन गांव में। यहां एक गुफा को भगवान हनुमान का जन्म स्थल माना जाता है। कहा जाता है कि कलियुग में वह गुफा अपने आप बंद हो गई, जिसके पीछे भगवान हनुमान की माता अंजनी का गुस्सा माना जाता है।
देवी अंजनी के नाम पर पड़ा इस जगह का नाम आंजन
हनुमानजी की माता अंजनी के नाम से ही इस गांव का नाम आंजन पड़ा। यह गांव गुमला जिले से लगभग 22 किमी की दूरी पर है। यहां पर एकमात्र ऐसा मंदिर है, जहां भगवान हनुमान की माता की गोद में बैठे दिखाई देते हैं।
इसलिए कलियुग में बंद हो गए गुफा के दरवाजे
स्थानीय मान्यताओं के अनुसार, हनुमानजी का जन्म गुमला जिले के आंजनधाम स्थित एक पहाड़ी की गुफा में हुआ था। जिस गुफा में भगवान हनुमान का जन्म हुआ था, उसका दरवाजा कलयुग में अपने आप बंद हो गया। गुफा के दरवाजे को भगवान हनुमान की माता अंजनी ने स्वयं बंद कर लिया, क्योंकि स्थानीय लोगों द्वारा वहां दी गई बलि से वे नाराज थीं। आज भी यह गुफा आंजन धाम में मौजूद है।
1953 में बनाया गया माता अंजनी और हनुमानजी का मंदिर
आंजनधाम में एक छोटा सा मंदिर है, जिसकी स्थापना भगवान हनुमान के भक्तों ने 1953 में की थी। इस मंदिर में भगवान हनुमान और माता अंजना की सुंदर मूर्ति है। यहां भगवान हनुमान अपनी माता की गोद में बैठे दिखाई देते हैं।
यहां मौजूद सरोवर में किया था राम-लक्ष्मण ने स्नान
आंजन क्षेत्र से और भी कई पौराणिक गाथाएं जुड़ी हैं। इसी क्षेत्र में एक पंपापुर नाम का सरोवर है, जिसे लेकर मान्यता है कि इसी सरोवर में भगवान राम और लक्ष्मण ने स्नान किया था।