सार
Janmashtami 2022: हमारे देश में वैसे तो भगवान श्रीकृष्ण के अनेक मंदिर हैं। इन सभी का अलग-अलग ऐतिहासिक महत्व है। लेकिन अब दुनिया का सबसे बड़ा कृष्ण मंदिर भी हमारे यहां बनने जा रहा है। इस मंदिर में एक वक्त में 10 हजार लोग दर्शन कर सकेंगे।
उज्जैन. आज (19 अगस्त, शुक्रवार) पूरे देश में कृष्ण जन्मोत्सव (Janmashtami 2022) की धूम है। इस दिन मथुरा, वृंदावन व अन्य प्रमुख कृष्ण मंदिरों की रौनक देखते ही बनती है। इन सब के बीच दुनिया का सबसे बड़ा मंदिर, जो भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित है, में भी जन्माष्टमी पर्व पूरे उत्साह से मनाया जा रहा है। हालांकि ये मंदिर अभी पूरी तरह से तैयार नहीं हुआ है। दुनिया के सबसे बड़े मंदिर का निर्माण अब अंतिम चरण में है। आगे जानिए कहां बन रहा है ये मंदिर और इससे जुड़ी खास बातें…
बंगाल में बन रहा है सबसे बड़ा कृष्ण मंदिर
अब तक सबसे बड़े मंदिर का कंबोडिया के अंगकोर वाट को कहा जाता है, जो लगभग 16 लाख वर्ग मीटर में फैला है। लेकिन अब दुनिया का सबसे बड़ा मंदिर पश्चिम बंगाल के नदिया जिले में स्थित मायापुर में बनाया जा रहा है। इसका निर्माण इस्कॉन द्वारा 2009 से किया जा रहा है। ये मंदिर लगभग 700 एकड़ (28 लाख वर्ग मीटर) में फैला होगा।
2024 तक हो सकता है तैयार
2009 से जारी इस मंदिर के काम में बीच में कई रुकावटें आईं। कोरोना काल के चलते इसका काम काफी समय तक रोका गया, लेकिन अब कहा जा रहा है कि इस मंदिर का निर्माण 2024 तक पूर्ण हो जाएगा और आम जनमानस के लिए ये पूरी तरह से तैयार हो जाएगा। इस मंदिर का नींव 100 फीट तक है, इसी बात से इसका भव्यता और विशालता का अंदाजा लगाया जा सकता है। कहा जा रहा है कि मंदिर में एक साथ 10 हजार लोग भगवान श्रीकृष्ण के दर्शन कर पाएंगे।
इस बार भी मनाया जाएगा कृष्ण जन्मोत्सव
भले ही अभी मंदिर का निर्माण पूरा नहीं हुआ हो, लेकिन 19 अगस्त, शुक्रवा को यहां भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव बड़े ही धूमधाम से मनाया जाएगा, जिसमें एक लाख से ज्यादा भक्त शामिल होंगे। मंदिर परिसर में ही भगवान की झांकी निकाली जाएगी और विधि-विधान से पूजा की जाएगी। इसके लिए मंदिर का विशेष साज-सज्जा भी की गई है।
मंदिर से जुड़ी अन्य खास बातें…
- मंदिर में 3 विशाल शिखर रहेंगे- मुख्य शिखर राधा-कृष्ण और पूर्वी शिखर नरसिंह देव का है।
- मंदिर की ऊंचाई लगभग 350 फीट रहेगी, जिसमें 14 लिफ्ट लगाई जाएंगी।
- मंदिर में 20 फीट सुदर्शन चक्र 40 फीट का कलश स्थापित किया जाएगा।
- मंदिर में लगने वाले टाइल्स वियतनाम, फ्रांस, दक्षिण अमेरिका से मंगवाई गई हैं।
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