सार

कुछ कामों में सफलता बड़ी आसानी से मिल जाती है तो कुछ कामों में कड़ी मेहनत करने के बाद भी थोड़ी देर से सफलता मिलती है। कुछ लोग लक्ष्य के अंतिम पड़ाव पर पहुंचते-पहुंचते थक जाते हैं और निराश होकर हार मान लेते हैं। जबकि अंतिम समय तक हमें रुकना नहीं चाहिए, तभी सफलता मिल सकती है।
 

उज्जैन. आज के समय में लोग जल्दी सफलता पाना चाहते हैं, जिसकी वजह से वो शार्ट कट अपना लेते हैं। लेकिन सफलता का कोई शार्ट कट नहीं होता। Asianetnews Hindi Life Management सीरीज चला रहा है। इस सीरीज के अंतर्गत आज हम आपको ऐसा प्रसंग बता रहे हैं जिसका सार यही है कि लक्ष्य हासिल होने तक रुकना नहीं चाहिए।

जब मूर्तिकार ने बनाई शिवजी की प्रतिमा 
प्रचलित कथा के अनुसार, किसी गांव में एक बड़ा मंदिर था। मंदिर में ही एक बहुत बड़ा पत्थर भी रखा हुआ था। वहां के पुजारी ने सोचा कि इस पत्थर को तराशकर इसकी मूर्ति बनवा लेनी चाहिए।
पुजारी ने एक मूर्तिकार को बुलाया और पत्थर तराशकर शिवजी की मूर्ति बनाने के लिए कहा। मूर्तिकार ने पत्थर को तराशने के लिए उसे तोड़ने के प्रयास करना शुरू कर दिए।
मूर्ति बनाने वाला व्यक्ति लगातार हथौड़ी से पत्थर पर चोट कर रहा था, लेकिन पत्थर बहुत मजबूत था। उसे पत्थर तोड़ने में सफलता नहीं मिल रही थी। 
लगातार प्रयास करने के बाद भी पत्थर टूट ही नहीं रहा था। वह थक चुका था। अंत में उसने हार मान ली और मंदिर के पुजारी से कहा कि “ये काम मुझसे नहीं हो पाएगा। पत्थर बहुत कठोर है।”
पुजारी ने अगले दिन दूसरे मूर्तिकार को बुलाया और पत्थर तराशकर मूर्ति बनाने की बात कही। दूसरे मूर्तिकार ने जैसे ही हथौड़ी से पहला वार किया, पत्थर तुरंत ही टूट गया। दूसरे मूर्तिकार ने कुछ ही दिनों में शिवजी की सुंदर मूर्ति बना दी।
मंदिर के पुजारी ने सुंदर मूर्ति देखी। पुजारी को पूरी बात समझ आ गई। उसने सोचा कि पहले मूर्तिकार के प्रहारों से पत्थर कमजोर हो चुका था, अगर वह सिर्फ एक प्रहार और करता तो वह भी ये काम पूरा कर सकता था, लेकिन उसने अंतिम समय में हार मान ली।

लाइफ मैनेजमेंट
हमें लक्ष्य मिलने तक हार नहीं माननी चाहिए, क्योंकि कुछ कामों में सफलता मिलने में समय लग सकता है। सफलता के लिए लगातार प्रयास करते रहें। प्रयासों से ही सफलता सुनिश्चित होती है।