सार
कुछ लोग जब भी नया काम शुरू करते हैं जो उसमें उन्हें असफलता मिलने का भय बना रहता है। शायद इसी कारण वे सफल नहीं हो पाते। जबकि कुछ लोग जब तक सफल न हो जाएं उस काम में लगे रहते हैं और लक्ष्य की प्राप्ति तक मेहनत करते रहते हैं।
उज्जैन. सफल और असफल लोगों में बहुत थोड़ा अंतर होता है। किसी भी काम को बीच में छोड़ देने से कभी सफलता नहीं मिलती। Asianetnews Hindi Life Management सीरीज चला रहा है। इस सीरीज के अंतर्गत आज हम आपको ऐसा प्रसंग बता रहे हैं जिसका सार यही है सफल होने के लिए सबसे जरूरी है स्वयं पर विश्वास होना।
जब साधु के नाचने से बरसने लगा पानी
किसी गांव में एक साधु करता था। वह जब भी नाचता था तब बारिश होती थी। इसलिए गांव के लोगों को जब भी बारिश की जरुरत होती तब यह लोग साधु के पास जाते और उनसे अनुरोध करते की वह नाचे। और जब वह नाचने लगते तो बारिश जरूर होती थी।
एक दिन गांव में 4 लड़के शहर से घूमने आए। जब उन्हें यह बात पता चली की किसी साधु के नाचने से बारिश होती है तो उन्हें यकीन नहीं हुआ। शहरी पढाई-लिखाई के घमंड में उन्होंने गांव वालों को चुनौती दे दी की अगर हम भी नाचेंगे तो बारिश होगी। और अगर हमारे नाचने से बारिश नहीं हुई तो साधु के नाचने से भी बारिश नहीं होगी।
अगले दिन, सुबह सुबह गांव वाले उन चारों लड़को को लेकर साधु के कुटिया के पास पहुंचे। गांव वालों ने साधु को सारी बात बताई। फिर उन लड़कों ने नाचना शुरू किया। पहले लड़के ने नाचना शुरू किया। आधा घंटा बीत गया। फिर पहला लड़का थक कर बैठ गया। पर बादल नहीं दिखे। कुछ देर बाद, दूसरे लड़के ने नाचना शुरू किया। और एक घंटे बीतते बीतते वह भी थक कर बैठ गया। बाकि दोनों लड़को ने भी ऐसा ही किया। पर बारिश नहीं हुई।
अब साधु की बारी थी। उसने नाचना शुरू किया। एक घंटा बीत गया पर बारिश नहीं हुई। साधु फिर भी रुका नहीं, वह नाचता ही रहा। नाचते नाचते दो घंटे बीत गए पर बारिश नहीं हुई। लेकिन साधु तो रुकने का नाम ही नहीं ले रहा था। धीरे धीरे शाम ढलने लगी की तभी बादलों की गड़गड़ाहट सुनाई दी और जोरों की बारिश होने लगी। यह देखकर चारों लड़के दंग रह गए और तुरंत साधु से क्षमा मांगी।
फिर चारों लड़के ने साधु से पूछा, “बाबा, भला ऐसा क्यों की हमारे नाचने से बारिश नहीं हुई और आपके नाचने से बारिश हो गई।”
साधु ने उत्तर दिया, “जब मैं नाचता हूँ तो दो बातों का ध्यान रखता हूँ। पहली बात तो मैं यह सोचता हूँ की अगर मैं नाचूंगा तो बारिश को होना ही पड़ेगा और दूसरी यह की मैं तब तक नाचूंगा जब तक की बारिश न हो जाए।”
लाइफ मैनेजमेंट
सफलता पाने वाले में यही गुण होता है, जिस चीज को करते है उसमें उन्हें सफल होने का पूरा यकीन होता है। और वह तब तक उस चीज को करते है जब तक की उसमें सफल न हो जाए।
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