सार
Lohri Songs: लोहड़ी नाचगे-गाने और खुशियां मनाने का त्योहार है। इस मौके पर कई तरह के खास गीत गाए जाते हैं। इन गीतों के बिना लोहड़ी का त्योहार अधूरा सा लगता है। इस मौके पर पंजाबी योद्धा दुल्ला भट्टी को भी गीतों के माध्यम से याद किया जाता है।
उज्जैन. लोहड़ी (Lohri 2023) का नाम सुनते ही दिमाग में नाचते-गाते और खुशियां मनाते लोगों की तस्वीर सामने आ जाती है। इस बार लोहड़ी का त्योहार 14 जनवरी, शनिवार को मनाया जाएगा। लोहड़ी का त्योहार वाकई में होता भी ऐसा ही है। लोहड़ी से जुड़े कई प्रसिद्ध गीत हैं। (Lohri Songs) इनके बिना लोहड़ी का त्योहार अधूर लगता है। इनमें से गीत पंजाबी योद्धा दुल्ला भट्टी की याद दिलाता है तो कोई गीत बच्चे लोहड़ी मांगते समय गाते हैं। इन गीतों के कारण आज भी लोहड़ी की सुंदरता बनी हुई है। आगे जानिए ऐसे ही कुछ गीतों के बारे में…
इस गीत से याद किया जाता है दुल्ला भट्टी को..
सुंदर मुंदरिए- हो तेरा कौन विचारा-हो
दुल्ला भट्टी वाला-हो
दुल्ले ने धी ब्याही-हो
सेर शक्कर पाई-हो
कुडी दे बोझे पाई-हो
कुड़ी दा लाल पटाका-हो
कुड़ी दा शालू पाटा-हो
शालू कौन समेटे-हो
चाचा गाली देसे-हो
चाचे चूरी कुट्टी-हो
जिमींदारां लुट्टी-हो
जिमींदारा सदाए-हो
गिन-गिन पोले लाए-हो
इक पोला घिस गया जिमींदार वोट्टी लै के नस्स गया - हो!
बच्चे लोहड़ी मांगते समय गाते हैं ये गीत…
'पा नी माई पाथी तेरा पुत्त चढेगा हाथी हाथी
उत्ते जौं तेरे पुत्त पोत्रे नौ!
नौंवां दी कमाई तेरी झोली विच पाई
टेर नी माँ टेर नी
लाल चरखा फेर नी!
बुड्ढी साँस लैंदी है
उत्तों रात पैंदी है
अन्दर बट्टे ना खड्काओ
सान्नू दूरों ना डराओ!
चारक दाने खिल्लां दे
पाथी लैके हिल्लांगे
कोठे उत्ते मोर सान्नू
पाथी देके तोर!
लड़कियां गाती हैं ये बधाई गीत…
'कंडा कंडा नी लकडियो
कंडा सी
इस कंडे दे नाल कलीरा सी
जुग जीवे नी भाबो तेरा वीरा नी,
पा माई पा,
काले कुत्ते नू वी पा
काला कुत्ता दवे वदाइयाँ,
तेरियां जीवन मझियाँ गाईयाँ,
मझियाँ गाईयाँ दित्ता दुध,
तेरे जीवन सके पुत्त,
सक्के पुत्तां दी वदाई,
वोटी छम छम कर दी आई।'
एक गीत ये भी…
अंबियां पे अंबिया… अंबियां
लाल कणकां जमियां…. अंबियां
कणकां बिच्च मुटेरे…… अंबियां
दो साधू केरे…………...अंबियां
साधू गे कायो…………...अंबियां
का औया थोड़ा………….अंबियां
अग्गैं मिल्ला घोड़ा………..अंबियां
घोड़े उप्पर काठी………….अंबियां
अग्गैं मिल्ला हाथी………...अंबियां
हाथियैं फिचके दांद
मेरा नाम गोपीचंद
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