सार

गरुड़ पुराण एक ऐसा ग्रंथ है, जिसमें जीवन और मृत्यु के रहस्य बताए गए हैं। साथ ही, इस ग्रंथ में ये भी बताया गया है कि हमें सुखी जीवन के लिए किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।

उज्जैन. गीताप्रेस गोरखपुर द्वारा प्रकाशित संक्षिप्त गरुड़ पुराण अंक के आचारकांड में नीतिसार अध्याय है। इस अध्याय में चार काम ऐसे बताए गए हैं, जिन्हें अधूरा छोड़ना नुकसानदायक हो सकता है। जानिए ये 4 काम कौन-कौन से हैं, जिन्हें बीच में नहीं छोड़ना चाहिए...

1. ऋण का भुगतान
गरुण पुराण के अनुसार ऋण या उधार लिया गया पैसा किसी भी स्थिति में पूरा लौटा देना चाहिए। अगर ऋण पूरा नहीं उतारा जाता है तो वह ब्याज के कारण फिर से बढ़ने लगता है। अगर किसी व्यक्ति से ऋण लिया जाए और पूरा न चुकाया जाए तो रिश्तों दरार पड़ने लगती है।

2. बीमारी का इलाज
अगर कोई व्यक्ति बीमार है तो उसे दवाइयों से और आवश्यक परहेज से रोग को जड़ से मिटा देना चाहिए। जो लोग पूरी तरह स्वस्थ न होते हुए भी दवाइयां लेना बंद कर देते हैं तो उन्हें बीमारी फिर से हो सकती है। बीमारी का वापस लौटना ज्यादा खतरनाक होता है। इसीलिए बीमारी खत्म होने तक सावधानी रखनी चाहिए।

3. आग बुझाना
यदि कहीं आग लग रही है तो आग को भी पूरी तरह बुझा देना चाहिए। क्योंकि छोटी सी चिंगारी भी बड़ी आग में बदल सकती है, जान और माल को नुकसान पहुंचा सकती है।

4. शत्रुता
अगर आपका कोई शत्रु है और वह बार-बार परेशान कर रहा है तो उससे किसी भी तरह शत्रुता खत्म कर लेना चाहिए। वरना शत्रु हमेशा ही हमारा अहित करने की योजनाएं बनाते रहेंगे और शत्रु बढ़ाते रहेंगे। शत्रुता का नाश करने पर ही जीवन से डर का नाश हो सकता है।