सार
इस बार 5 जुलाई, रविवार को गुरु पूर्णिमा है। इस दिन गुरु की पूजा करने का विशेष महत्व है।
उज्जैन. गुरु की महिमा का वर्णन सिर्फ हिंदू धर्म में ही नहीं बल्कि अन्य धर्मों में भी किया गया है। दूसरे धर्मों के लोग भी अपने गुरुओं को भगवान का दर्जा देते हैं और उनका सम्मान करते हैं। जानते हैं अन्य धर्मों के प्रमुख गुरुओं के बारे में-
हिंदू धर्म- हिंदू धर्म में गुरु को अलग-अलग नामों से पुकारा जाता है। कोई इन्हें संत कहता है तो कोई महात्मा। इन्हें गुरुजी भी कहते हैं साथ ही, इनका कही हर बात मानते हैं।
सिख धर्म- सिख धर्म में 11 गुरु माने गए हैं, जिन्हें भगवान माना जाता है। इनमें से दस हैं- नानकदेवजी, अंगददेव, अमरदास, रामदास, अर्जुनदेव, हरगोविंद, हरराय, हरकिशन, तेगबहादुर एवं गोविंदसिंह। ग्यारहवां गुरु गुरुग्रंथ साहिब को माना गया है।
ईसाई धर्म- ईसाई धर्म में पादरी को धर्म गुरु कहते हैं। उन्हें सम्मान से फादर कहा जाता है। उनके उपदेश को प्रभु वाक्य की तरह माना जाता है।
मुस्लिम धर्म- मुस्लिम धर्म में भी उलेमाओं को दूसरे शब्दों में गुरु कहा जाता है। वे धर्मोपदेश (तकरीर) देते हैं।
बौद्ध धर्म- हिंदू धर्म की तरह बौद्ध धर्म में भी गुरु को भगवान के समान माना जाता है। बौद्ध इन्हें लामा कहते हैं।
जैन धर्म- जैन धर्म में गुरु को महाराज साहब कहा जाता है।
देवल स्मृति में गुरु 12 प्रकार के माने गए हैं, वहीं चिंतामणी में दस विषयों के गुरु बताए गए हैं। नीदरलैण्ड्स के क्रनेन बोर्ग ने अपनी पुस्तक नियो-हिंदू मूवमेंट्स में गुरु की मुख्य रूप से चार श्रेणियां बताई हैं, जो इस प्रकार है-
1. आध्यात्मिक, 2. बौद्धिक, 3. अवतार जैसे वेदव्यासजी व 4. पुस्तक जैसे गुरु ग्रंथ साहिब।