सार
घर में सुख-शांति बनाए रखने के लिए लोग रामायण या श्रीरामचरित मानस का पाठ करते हैं, लेकिन आज की भाग-दौड़ भरी जिंदगी में इतना समय शायद ही किसी के पास हो।
उज्जैन. ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार रामायण का सार बताने वाला एक मंत्र काफी प्रचलित है। जो लोग इस मंत्र का पाठ रोज करते हैं, उन्हें रामायण पढ़ने के बराबर पुण्य मिलता है। इसे एक श्लोकी रामायण कहते हैं। रोज सुबह घर के मंदिर में दीपक जलाकर इस मंत्र का जाप करना चाहिए।
ये है मंत्र
आदौ राम तपोवनादि गमनं, हत्वा मृगं कांचनम्।
वैदीहीहरणं जटायुमरणं, सुग्रीवसंभाषणम्।।
बालीनिर्दलनं समुद्रतरणं, लंकापुरीदाहनम्।
पश्चाद् रावण कुम्भकर्ण हननम्, एतद्धि रामायणम्।।
मंत्र का अर्थ
श्रीराम वनवास गए. वहां स्वर्ण मृग का का वध किया। वैदेही यानी सीताजी का रावण ने हरण कर लिया, रावण के हाथों जटायु ने अपने प्राण गंवा दिए। श्रीराम और सुग्रीव की मित्रता हुई। बालि का वध किया। समुद्र पार किया। लंकापुरी का दहन किया। इसके बाद रावण और कुंभकर्ण का वध किया। ये रामायण का सार है।
कैसे करें मंत्र का जाप?
- इस मंत्र का जाप घर के मंदिर में करना चाहिए। रोज सुबह स्नान के बाद मंदिर में पूजा करें।
- साफ आसन पर बैठकर भगवान श्रीराम का ध्यान करते हुए मंत्र का जाप करें। मंत्र जाप कम से कम 108 बार करें।
- ज्यादा समय न हो तो 11 या 21 बार भी मंत्र जाप कर सकते हैं।