सार
Radha Ashtami 2022: भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को राधा अष्टमी का पर्व मनाया जाता है। इस बार ये तिथि 4 सितंबर, रविवार को है। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण की प्रेयसी राधा रानी की पूजा की जाती है।
उज्जैन. वैसे तो हमारे देश में राधा देवी के अनेक मंदिर हैं, मगर इन सभी में उत्तर प्रदेश के बरसाना में स्थित राधा रानी का मंदिर (Radha Rani Mandir Barsana) सबसे प्रसिद्ध है। राधा रानी का ये मंदिर एक पहाड़ी पर स्थित है, जिसकी ऊंचाई लगभग 250 मीटर है। वास्तव में इस मंदिर का इतिहास बहुत ही रोचक है और इससे जुड़ी कई कथाएं भी प्रचलित हैं। इस मंदिर को बरसाने की लाड़ली का मंदिर और राधा रानी का महल भी कहा जाता है। आगे जानिए इस मंदिर से जुड़ी खास बातें…
5 हजार साल पुराना है ये मंदिर
कहा जाता है कि राधा रानी मंदिर मूल रूप से लगभग 5000 साल पहले राजा वज्रनाभ ने बनवाया था, जो श्रीकृष्ण के वशंज थे। बाद में ये मंदिर खंडहर में बदल गया था। कालांतर में यह मंदिर प्रतीक नारायण भट्ट द्वारा खोजा गया और 1675 ईस्वी में राजा वीर सिंह ने इसका जीर्णोद्धार करवाया। मंदिर की वर्तमान संरचना राजा टोडरमल द्वारा बनवाई गई है।
राधा अष्टमी पर होता है खास आयोजन
मंदिर के निर्माण के लिए लाल और सफेद पत्थरों का इस्तेमाल किया गया है, जो राधा और श्रीकृष्ण के प्रेम का प्रतीक माने जाते हैं। राधा जन्माष्टमी के मौके पर इस मंदिर कि रौनक देखते ही बनती है। इस दिन राधा रानी के मंदिर को फूलों से सजाया जाता है। राधा रानी को छप्पन प्रकार के व्यंजन परोसे जाते हैं। इस दिन यहां भक्तों की भीड़ उमड़ती है।
200 सीढ़ियां चढ़कर जाना होता है ऊपर
राधा रानी के मंदिर तक जाने के लिए मंदिर में 200 से अधिक सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं। इस मंदिर की ओर जाने वाली सीढ़ियों के तल पर वृषभानु महाराज का महल है, जहां वृषभानु महाराज, कीर्तिदा (राधा की माँ), श्रीदामा (राधा की सहोदर) और श्री राधिका की मूर्तियां हैं। इस महल के पास ही ब्रह्मा जी का मंदिर भी स्थित है। पास में ही अष्टसखी मंदिर है जहां राधा और उनकी प्रमुख सखियों की पूजा की जाती है।
कैसे पहुंचें?
मथुरा रेलवे स्टेशन, जो राधा रानी मंदिर से लगभग 50.7 किमी दूर है। इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा, जो राधा रानी मंदिर से लगभग 150 किमी दूर है। पंडित दीन दयाल उपाध्याय हवाई अड्डा आगरा, जो राधा रानी मंदिर से लगभग 110 किमी दूर है।
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