सार
हिंदू धर्म ग्रंथों में अनेक प्राचीन नगरों के बारे में जानकारी मिलती है। इन सभी में सप्तपुरियों का विशेष महत्व बताया गया है। सप्त पुरी यानी प्राचीन 7 शहर।
उज्जैन. ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार इस संबंध में शास्त्रों में लिखा है कि-
अयोध्या मथुरा माया काशी कांची अवंतिका।
पुरी द्वारावती चैव सप्तैता मोक्षदायिकाः॥
इस श्लोक का सरल अर्थ यह है कि अयोध्या, मथुरा, माया यानी हरिद्वार, काशी, कांचीपुरम, अवंतिका यानी उज्जैन, द्वारिकापुरी, ये सातों मोक्षदायीनी पवित्र नगरियां यानी पुरियां हैं।
ये सात शहर अलग-अलग देवी-देवताओं से संबंधित हैं। अयोध्या श्रीराम से संबंधित है। मथुरा और द्वारिका का संबंध श्रीकृष्ण से है। वाराणसी और उज्जैन शिवजी के तीर्थ हैं। हरिद्वार विष्णुजी और कांचीपुरम माता पार्वती से संबंधित है। जानिए इन सातों पुरियों से जुड़ी खास बातें...
अयोध्या
पं. शर्मा के अनुसार रामायण में बताया गया है कि अयोध्या राजा मनु द्वारा बसाई गई थी। ये नगर सरयू नदी के किनारे बसा हुआ है। ये प्राचीन नगरियों में से एक है। इसीलिए यहां आज भी हिन्दू, बौद्ध, इस्लाम, जैन धर्म से जुड़ी निशानियां दिखाई देती हैं। यहा श्रीराम जन्म स्थान भी है।
मथुरा
भगवान विष्णु के अवतार श्रीकृष्ण का जन्म मथुरा में हुआ था। यहां श्रीकृष्ण ने कई लीलाएं की थी। इसी वजह से इसका धार्मिक महत्व काफी अधिक है। मथुरा उत्तर प्रदेश में यमुना नदी के किनारे बसा हुआ है।
उज्जैन
मध्य प्रदेश के इंदौर के पास स्थित है उज्जैन। इसे उज्जयिनी और अवंतिका के नाम से भी जाना जाता है। ये शहर शिप्रा नदी के किनारे स्थित है। यहां भगवान शिव का ज्योतिर्लिंग महाकालेश्व स्थित है। इसके साथ ही हर बारह वर्ष में यहां कुंभ का मेला भी लगता है।
काशी
उत्तर प्रदेश के काशी को वाराणसी के नाम भी जाना जाता है। ये शहर गंगा नदी किनारे बसा हुआ है। यहां काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग स्थित है। गंगा नदी और शिव मंदिर के कारण इस शहर का धार्मिक महत्व बहुत ज्यादा है। ये भी सप्त पुरियों में से एक है।
द्वारिका धाम
गुजरात में श्रीकृष्ण का मुख्य धाम द्वारिका स्थित है। ये तीर्थ चार धाम में से एक है। द्वारिका धाम समुद्र किनारे स्थित है।
हरिद्वार
उत्तराखंड में सप्तपुरियों में से एक हरिद्वार स्थित है। यहां गंगा नदी बहती है। हरिद्वार में कुंभ मेला लगता है। प्राचीन समय में जब देवताओं और दानवों के बीच अमृत के लिए युद्ध हुआ था, तब हरिद्वार में भी अमृत की बूंदे गिरी थीं। इसीलिए यहां भी कुंभ मेला लगता है।
कांचीपुरम
तमिलनाडु में देवी पार्वती से संबंधित कांचीपुरम स्थित है। यहां वेगवती नदी बहती है। ये शहर भी सप्तपुरियों में से एक है। यहां कई ऐसे मंदिर हैं, जिनका इतिहास प्राचीन समय से जुड़ा है।