सार

श्रीरामचरित मानस हिंदू धर्म के प्रमुख ग्रंथों में से एक है। इस ग्रंथ के रचयिता गोस्वामी तुलसीदास हैं। श्रीरामचरित मानस में गोस्वामी तुलसीदास ने लाइफ मैनेजमेंट के अनेक सूत्रों के बारे में बताया है, जो आज के समय में भी प्रासंगिक हैं। 

उज्जैन. रामचरित मानस में 7 ऐसे लोगों के बारे में बताया गया है जिनका कभी विरोध नहीं करना चाहिए, नहीं तो हमारे लिए परेशानी खड़ी हो सकती है। जानिए कौन हैं वो 7 लोग-

1. जिसके पास शस्त्र हो
जिस व्यक्ति के पास शस्त्र हों, वह अगर आपको कोई बात कहता है तो उसे टालना नहीं चाहिए। शस्त्रधारी के क्रोध को शांत करना मुश्किल है, अगर उसकी बात नहीं मानी जाएगी तो निश्चित ही यह घातक परिणाम पहुंचा सकता है। इसलिए भलाई इसी में है कि उनकी बात टालने का साहस ना किया जाए।

2. भेद जानने वाला
जो लोग आपके भेद जानते हों, उनके सामने कभी विरोध नहीं करना चाहिए। उनसे बहस नहीं करनी चाहिए और साथ ही उन्हें दुख भी नहीं पहुंचाना चाहिए। नहीं तो परिणाम यह होगा कि वो आपके भेद सार्वजनिक कर देगा या फिर आपको परेशान करेगा।

3. बॉस या मालिक
आपको अपने बॉस या मालिक से बहस में नहीं उलझना चाहिए अन्यथा आपको आजीविका की परेशानी हो सकती है। उनके लिए आपका गलत व्यवहार आपकी नौकरी को खतरे में डाल सकता है।

4. मूर्ख व्यक्ति
अगर कोई मूर्ख व्यक्ति आपसे कुछ कहता है तो बिना बहस किए आपको उसकी बात मान लेनी चाहिए। अगर आप उससे बहस में उलझेंगे तो इससे सिर्फ आपका समय ही बर्बाद होगा, कोई परिणाम तो निकलेगा नहीं। इसलिए आपको बुद्धिहीन या जिद्दी व्यक्ति की बात मान लेनी चाहिए।

5. धनवान व्यक्ति
धनवान व्यक्ति अपने पैसों के बल पर आपके लिए परेशानी खड़ी कर सकता है, इसलिए धनवान व्यक्ति की बात तुरंत मान लेनी चाहिए, उसका विरोध नहीं करना चाहिए।

6. वैद्य
डॉक्टर या वैद्य की कोई बात नहीं टालनी चाहिए क्योंकि अगर आप ऐसा करेंगे तो आपको स्वास्थ्य की दृष्टि से इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। वह जो भी कह रहे हैं आपके भले ही होगा, इसलिए बिना प्रश्न या संशय किए उनकी बात मान लेनी चाहिए।

7. रसोईया
रसोई में काम करने वाले लोगों का भी निरादर नहीं करना चाहिए। अगर आप ऐसा करेंगे तो वह क्रोधित होकर आपके खाने में कुछ भी मिला सकता है। यह आपकी सेहत के लिए सही नहीं है।