सार
महाभारत हिंदू धर्म का पवित्र ग्रंथ है। इस ग्रंथ में अनेक स्थानों का वर्णन भी मिलता है।
उज्जैन. महाभारत काल की कई प्रसिद्ध जगहें आज भी मौजूद हैं, लेकिन उनका रूप और नाम आदि बदल चुके हैं। आज हम आपको महाभारत काल की कुछ ऐसी ही जगहों के बारे में बता रहे हैं, जो इस प्रकार है-
1. इंद्रप्रस्थ
इंद्रप्रस्थ महाभारत की सबसे खास जगहों में से एक मानी जाती है। हस्तिनापुर से निकाले जाने के बाद पांडवों ने इंद्रप्रस्थ को ही अपनी राजधानी बनाया था। महाभारत कालिन इंद्रप्रस्थ वर्तमान में भारत की राजधानी दिल्ली है।
2. हस्तिनापुर
महाभारत में सबसे ज्यादा महत्व हस्तिनापुर को दिया गया है, क्योंकि हस्तिनापुर कौरवों का राज्य था और पूरी महाभारत की कथा हस्तिनापुर के आज-पास ही घूमती है। हस्तिनापुर के लिए ही महाभारत का युद्ध हुआ था। यह स्थान वर्तमान में मेरठ शहर के पास बसा है।
3. तक्षशिला
तक्षशिला जो महाभारत काल में गांधार प्रदेश की राजधानी थी। गांधार ही आज कंधार के नाम से जाना जाता है। जो अफगानिस्तान में मौजूद है। कौरवों की माता गांधारी गांधार के राजा सुबल की पुत्री थी।
4. उज्जानिक
महाभारत में जिस उज्जानिक नामक स्थान का जिक्र किया गया है वह वर्तमान काशीपुर है, जो उत्तराखंड में स्थित है। यहां पर गुरु द्रोणाचार्य ने कौरवों और पांडवों को शिक्षा दी थी। यहां स्थित द्रोणसागर झील के बारे में कहा जाता है कि पांडवों ने इस झील का निर्माण किया था।
5. वारणावत
महाभारत में वारणावत का वर्णन पाया जाता है। यह वहीं स्थान है जहां कौरवों ने लाक्षागृह में पांडवों को जलाकर मारने का प्रयास किया था। यह लाक्षागृह आज उत्तर प्रदेश के बागपत में स्थित है।
6. पांचाल
पांचाल द्रौपदी के पिता राजा द्रुपद का राज्य था। मान्यताओं के अनुसार, आज यह जगह हिमालय और चंबा नदी के बीच के क्षेत्रों में बसी है। इसी जगह पर पांडवों और द्रौपदी का विवाह हुआ था।
7. वृंदावन
महाभारत काल का वृंदावन आज भी इसी नाम से जाना जाता है। वर्तमान में यह उत्तर प्रदेश में स्थित है। इस जगह का खास संबंध भगवान कृष्ण से माना जाता है, यहीं पर भगवान श्रीकृष्ण गोपियों के साथ रास रचाया करते थे।
8. अंग प्रदेश
कर्ण के राज्य अंग देश को लेकर मतभेद माना जाता है। कुछ लोगों के अनुसार, बिहार का भागलपुर महाभारत काल का अंगदेश है तो कुछ के अनुसार उत्तरप्रदेश के गोंडा को कर्ण का राज्य माना जाता है।
9. मथुरा
महाभारत में कंश की नगरी मथुरा का वर्णन भी पाया जाता है। आज भी इस जगह को मथुरा के नाम से ही जाना जाता है। इसी जगह पर भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था। श्रीकृष्ण की जन्मभूमि में आज भी श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं।