सार
विष्णु पुराण में भोजन से संबंधित अनेक बातें बताई गई हैं। उसके अनुसार स्वयं भोजन करने से पहले हमें नीचे बताए गए 5 लोगों को पहले भोजन करवाना चाहिए।
उज्जैन. विष्णु पुराण के अनुसार, जो व्यक्ति ऐसा न करते हुए स्वयं पहले भोजन कर लेता है वह पाप करता है।
श्लोक
ततः स्ववासिनीदुः खिगर्भिणीवृद्धबालकान्।
भोजयेत्संस्कृतान्नेन प्रथमं चरमं गृही।।
अर्थात्- गृहस्थ पुरुष को अपने 1. घर में रहने वाली विवाहिता कन्या, 2. घर आए दुखी मनुष्य, 3. गर्भवती स्त्री, 4. बालक व 5. वृद्ध को भोजन करवाने के बाद ही स्वयं भोजन करना चाहिए।
1. विवाहित पुत्री
विवाह के बाद लड़की अपने पिता के घर आए तो अतिथि समझ कर उसे पहले प्रेम से भोजन करवाना चाहिए। यही शिष्टाचार है।
2. दुखी मनुष्य
कोई दुखी मनुष्य आपके घर भोजन के लिए आए तो उसे निराश न करें। स्वयं भोजन करने से पहले उसे भोजन करवाना चाहिए।
3. गर्भवती स्त्री
गर्भवती स्त्री को गर्भ में पल रहे शिशु के लिए अतिरिक्त पोषण की आवश्यकता होती है। इसलिए पहले उसे भोजन करवाना चाहिए।
4. बालक
बड़े लोग तो भूख पर नियंत्रण कर लेते हैं, लेकिन छोटे बच्चे ऐसा नहीं कर पाते। इसलिए पहले उन्हें ही भोजन करवाना चाहिए।
5. वृद्ध
वृद्ध सम्मानीय होते हैं। इन्हें किसी भी तरह की परेशानी न हो इसके लिए स्वयं भोजन करने से पहले इन्हें भोजन करवाएं।