सार

Devuthani Ekadashi 2022: हिंदू धर्म में एकादशी तिथि का विशेष महत्व बताया गया है। इस तिथि के स्वामी भगवान विष्णु है। इस दिन भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए व्रत व पूजा की जाती है। एक साल मे कुल 24 एकादशी तिथि आती है।
 

उज्जैन. हिंदू पंचांग के अनुसार, एक महीने में 2 एकादशी तिथि होती है। इस तरह साल में कुल 24 एकादशी का योग बनता है। इन सभी का अलग-अलग नाम और महत्व धर्म ग्रंथों में बताया गया है। इसी क्रम में कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवउठनी एकादशी (Devuthani Ekadashi 2022) कहते हैं। इस बार ये तिथि 4 नवंबर, शुक्रवार को है। मान्यता है कि भगवान विष्णु 4 महीने की योगनिद्रा के बाद इस तिथि पर जागते हैं और सृष्टि का संचालन करते हैं। इस तिथि से जुड़ी और भी कई मान्यताएं और परंपराएं हैं। इस दिन कुछ काम भूलकर भी नहीं करने चाहिए, नहीं तो इसके अशुभ परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। आगे जानिए कौन-से हैं वो 5 काम…

चावल भूलकर भी न खाएं
चावल सभी का प्रिय भोजन होता है, लेकिन एकादशी तिथि पर इसे नहीं खाना चाहिए। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, एकादशी तिथि पर जो व्यक्ति चावल खाता है, उसे अगले जन्म में कीड़े की योनी में जन्म लेना पड़ता है। वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी एकादशी तिथि पर चावल खाना ठीक नहीं माना गया है।

मन में बुरे विचार न लाएं
वैसे तो एकादशी से जुड़े अनेक नियम धर्म ग्रंथों में बताए गए हैं। उन्हीं में से एक ये भी है कि इस दिन किसी की जुगली नहीं करनी चाहिए। किसी के प्रति बुरे विचार मन में नहीं लाना चाहिए और न ही कोई बुरा यानी अनैतिक काम करना चाहिए। जो भी व्यक्ति इस तरह के काम करता है निकट भविष्य में उसे परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
 
तामसिक भोजन न करें
तामसिक भोजन का अर्थ सिर्फ मांसाहार नहीं है बल्कि प्याज, लहसुन, गरम मसाला जैसे काली मिर्च, लौंग आदि भी इसमें शामिल होता है। यानी ऐसा भोजन जिससे शरीर में उत्तेजना पैदा हो, नहीं खाना चाहिए। ऐसा करने से बुरे विचार मन में आते हैं और शारीरिक विकार भी पैदा होते हैं। इसलिए एकादशी पर इस तरह का भोजन नहीं करना चाहिए।
  
तुलसी के पत्ते न तोड़ें
एकादशी पर भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। बिना तुलसी के पत्ते के विष्णुजी की पूजा अधूरी मानी जाती है, लेकिन भूलकर भी एकादशी पर तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ने चाहिए। ऐसा करना अशुभ माना जाता है। इसलिए एकादशी से पहले ही तुलसी के पत्ते तोड़कर रख लेना चाहिए। तुलसी के पत्तों को धोकर कई बार उपयोग में लिया जा सकता है।

किसी को खाली हाथ न लौटाएं
देवउठनी एकादशी पर अगर को याचक यानी मांगने वाले हमारे घर आए तो उसे खाली हाथ न लौटाएं। अपनी इ्च्छा अनुसार, उसे कुछ न कुछ जरूर दें। ये तिथि बहुत ही खास मानी गई है, इस दिन दान का विशेष महत्व बताया गया है। इस दिन दान करने से शुभ फल मिलते हैं।


ये भी पढ़ें-

Tulsi Vivah 2022: तुलसी का पौधा आपकी किस्मत बना भी सकता है और बिगाड़ भी, जानें कैसे?


Rashi Parivartan November 2022: नवंबर 2022 में कब, कौन-सा ग्रह बदलेगा राशि? यहां जानें पूरी डिटेल

Devuthani Ekadashi 2022: देवउठनी एकादशी पर क्यों किया जाता है तुलसी-शालिग्राम का विवाह?