सार

हर साल कार्तिक अमावस्या को दीपावली का पर्व मनाया जाता है। इस बार ये पर्व 27 अक्टूबर, रविवार को है। इस दिन मुख्य रूप से देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है।

उज्जैन. अनेक चित्रों में देवी लक्ष्मी को कमल के फूल पर बैठे हुए दिखाया जाता है। इसके पीछे भी लाइफ मैनेजमेंट के कई सूत्र छिपे हैं। जानिए उन सूत्रों के बारे में...

इसलिए कमल के फूल पर बैठती हैं देवी लक्ष्मी...
- महालक्ष्मी के चित्रों और प्रतिमाओं में उन्हें कमल के पुष्प पर विराजित दर्शाया गया है। इसके पीछे धार्मिक कारण तो है साथ ही कमल के फूल पर विराजित लक्ष्मी जीवन प्रबंधन का महत्वपूर्ण संदेश भी देती हैं।
- महालक्ष्मी धन की देवी हैं। धन के संबंध में कहा जाता है कि इसका नशा सबसे अधिक दुष्प्रभाव देने वाला होता है। धन मोह-माया में डालने वाला है और जब धन किसी व्यक्ति पर हावी हो जाता है तो अधिकांश परिस्थितियों में वह व्यक्ति बुराई के रास्ते पर चल देता है।
- वहीं कमल का फूल अपनी सुंदरता, निर्मलता और गुणों के लिए जाना जाता है। कमल कीचड़ में ही खिलता है परंतु वह उस की गंदगी से परे है, उस पर गंदगी हावी नहीं हो पाती।
- कमल पर विराजित लक्ष्मी यही संदेश देती हैं कि वे उसी व्यक्ति पर कृपा बरसाती हैं जो कीचड़ जैसे बुरे समाज में भी कमल की तरह निष्पाप रहे और खुद पर बुराइयों को हावी ना होने दें।
- जिस व्यक्ति के पास अधिक धन है उसे कमल के फूल की तरह अधार्मिक कामों से दूरी बनाए रखना चाहिए। साथ ही कमल पर स्वयं लक्ष्मी के विराजित होने के बाद भी उसे घमंड नहीं होता, वह सहज ही रहता है।