Ashadh month 2022: 13 जुलाई तक रहेगा आषाढ़ मास, इस महीने में ध्यान रखें ये 5 बातें, क्या करें-क्या नहीं?

हिंदू पंचांग का चौथा महीना आषाढ़ (Ashadh month 2022)15 जून से शुरू हो चुका है, 13 जुलाई तक रहेगा। इसी दिन सूर्य का राशि परिवर्तन भी हुआ है। ऐसा संयोग 19 साल बाद बना है जब सूर्य और चंद्र मास एक साथ आरंभ हुए हों।

Manish Meharele | Published : Jun 17, 2022 4:09 AM IST

उज्जैन. 2003 में 15 जून, रविवार को ऐसा संयोग बना था, जब आषाढ़ मास और सूर्य का राशि परिवर्तन एक साथ हुआ हो। अब 19 साल बाद फिर से मिथुन संक्रांति पर्व के साथ आषाढ़ मास शुरू चुका है। धार्मिक दृष्टिकोण से आषाढ़ मास का विशेष महत्व है। आषाढ़ मास में सूर्यदेव के साथ ही भगवान शिव की पूजा का भी विधान है। इनके अलावा भगवान विष्णु के वामन रूप की पूजा भी इस महीने में की जाती है। इसी महीने से वर्षा ऋतु का आरंभ माना जाता है और चातुर्मास भी शुरू होते हैं। आगे जानिए आषाढ़ मास से जुड़ी खास बातें…

जानिए इस महीने में क्या शुभ काम करने चाहिए (Do's and don'ts in the month of Ashadh)
1.
स्कंद पुराण के अनुसार आषाढ़ महीने में एकभुक्त व्रत करना चाहिए यानी एक वक्त ही भोजन करना चाहिए। ऐसा करना स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद रहता है क्योंकि इस दौरान वर्षा ऋतु आरंभ हो जाती है, जिसके चलते पाचन शक्ति कम हो जाती है। अधिक भोजन करने से पेट से जुड़े रोग परेशान कर सकते हैं।

2. धर्म ग्रंथों के अनुसार, आषाढ़ मास में संत और ब्राह्मणों को खड़ाऊ (लकड़ी की चप्पल) छाता, नमक तथा आंवले का दान करना चाहिए। इस दान से भगवान वामन प्रसन्न होते हैं। ये भगवान विष्णु के अवतार हैं और इस महीने में इनकी पूजा भी विशेष रूप से करनी चाहिए।

3. आषाढ़ मास में सूर्यदेव की पूजा का भी विधान है। जिन लोगों की कुंडली में सूर्य अशुभ है, उन्हें इस महीने में लाल कपड़े में गेहूं, लाल चंदन, गुड़ और तांबे के बर्तन का दान योग्य ब्राह्मण को करना चाहिए। इससे सूर्य देवता प्रसन्न होते हैं। साथ ही इस महीने के प्रत्येक रविवार को भोजन में नमक का उपयोग नहीं करना चाहिए। 

4. आषाढ़ महीने में ज्यादा मसालेदार भोजन से भी बचना चाहिए और ब्रह्मचर्य के नियमों का पालन करना चाहिए।  तामसिक चीजों जैसे मांसाहार और हर तरह के नशे से भी दूर रहना चाहिए। ऐसा करने से देवताओं की कृपा हम पर बनी रहती है।

5. आषाढ़ महीने में रोज सुबह सूर्योदय से पहले उठकर नहाने का विशेष महत्व धर्म ग्रंथों में बताया गया है। इस महीने में सूर्य नमस्कार, प्राणायाम और ध्यान और नियमित दिनचर्या के माध्यम से खुद को स्वस्थ रखा जा सकता है।


ये भी पढ़ें-

Ashadh month 2022: 15 जून से 13 जुलाई तक रहेगा आषाढ़ मास, इस महीने में सूर्य पूजा से दूर होती हैं परेशानियां


कहानी ब्रह्मास्त्र की…: सबसे विनाशकारी अस्त्र, जानिए ब्रह्मा जी को क्यों करना पड़ा इसका निर्माण?

Yogini Ekadashi 2022: कब किया जाएगा योगिनी एकादशी व्रत? जानिए शुभ मुहूर्त, कथा और महत्व
 

Share this article
click me!