भगवान की आरती में कर्पूर का उपयोग क्यों किया जाता है? इसके पीछे भी है साइंटिफिक रीजन

हिंदू धर्म में पूजा-पाठ दैनिक जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। रोज सुबह स्नान आदि के बाद भगवान की पूजा की जाती है। भगवान की पूजा करने के बाद आरती जरूर की जाती है।

Asianet News Hindi | Published : Jun 28, 2020 1:57 AM IST

उज्जैन. आरती के लिए कर्पूर का उपयोग किया जाता है। आरती के लिए कर्पूर का उपयोग ही क्यों जाता है, क्या इसके पीछे भी कोई साइंस छिपा है या सिर्फ कोई धार्मिक कारण। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार, हमारे पूर्वज आयुर्वेद के गुणों से अच्छे से समझते थे, इसलिए उन्होंने कुछ ऐसे नियम बनाए, जिनसे हमें फायदा होता रहे। कर्पूर आरती के पीछे भी यही तर्क है। आगे जानिए कर्पूर से आरती करने पर हमें क्या फायदे होते हैं... 

कर्पूर से होने वाले फायदे...
- कर्पूर एक उड़नशील वानस्पतिक द्रव्य है। यह सफेद रंग का मोम की तरह का पदार्थ है। इसमे एक तीखी गंध होती है। कपूर बनाने का तरीका वैदिक काल से एक समान रूप से चला आ रहा है, जिसका संबंध आयुर्वेद से है। कर्पूर एंटी ऑक्सिडेंट की तरह काम करता है।
- आयुर्वेद के अनुसार, कर्पूर की खुशबू सूंघने से ही कफ संबंधित दोष कम होते हैं। विभिन्न आयुर्वेदिक औषधियों में भी इसका उपयोग किया जाता है। इसकी गंध से वातावरण सुगंधित होता है।
- आयुर्वेद ने माना है कि कर्पूर की गंध कीट-पतंगों से बर्दाश्त नहीं होती, इसलिए जब कर्पूर जलाया जाता है तो इसकी गंध से बैक्टीरिया-वायरस आदि सुक्ष्म जीव नष्ट हो जाते हैं।
- भगवान की आरती के समय जब कर्पूर जलाया जाता है तो इसके एंटी ऑक्सिडेंट गुणों की वजह से विभिन्न शारीरिक रोगों में भी फायदा होता है।
- कर्पूर से होने वाले गुणों पर ध्यान दिया जाए तो ये न सिर्फ धार्मिक बल्कि आयुर्वेदिक रूप से भी हमारे लिए फायदेमंद है। 

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