Lohri 2023: लोहड़ी की शान है भांगड़ा और गिद्दा नृत्य, जानें इन दोनों में क्या अंतर है?

Lohri 2023: लोहड़ी पंजाब का मुख्य त्योहार है। ये त्योहार मकर संक्रांति के एक दिन पहले मनाया जाता है। इस दिन परिवार के सभी लोग एक जगह इकट्ठा होकर नाचते-गाते और खुशियां मनाते हैं। इस बार ये त्योहार 14 जनवरी को मनाया जाएगा।
 

Manish Meharele | Published : Jan 9, 2023 11:29 AM IST

उज्जैन. लोहड़ी (Lohri 2023) का नाम सुनते ही अचानक नाचते-गाते और खिलखिलाते चेहरे सामने आ जाते हैं। ये त्योहार हर साल मकर संक्रांति (Makar Sankranti 2023) के एक दिन पहले शाम को मनाया जाता है। वैसे तो ये पंजाब का मुख्य त्योहार है, लेकिन पूरे देश में इसे बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। इस उत्सव का मुख्य उद्देश्य मिलना-मिलाना और खुशियां बांटना है। इस बार लोहड़ी का पर्व 14 जनवरी, शनिवार को मनाया जाएगा। इस मौके पर महिलाओं द्वारा गिद्दा (Gidda) और पुरुषों द्वारा भांगड़ा (Bhangra) नृत्य किया जाता है। आगे जानिए क्या अंतर इन दोनों डांस में…

क्यों खास है भांगड़ा नृत्य? जानें खास बातें…
-भांगड़ा पंजाब का लोकप्रिय लोकनृत्य है जो सिर्फ खास मौकों और उत्सवों पर ही किया जाता है जैसे लोहड़ी, बैसाखी आदि। भांगड़ा नृत्य में वाद्ययंत्रों का भी विशेष रूप से उपयोग किया जाता है।
- भांगड़ा नृत्यु करते समय पंजाबी भाषा में मधुर गीत गाए जाते हैं जो उत्साह बढ़ाते हैं। लुंगी व पगड़ी बांधे लोगों के घेरे में एक व्यक्ति ढोल बजाता है। ढोल की थाप पर इतनी मधुर होती है कि हर कोई थिरकने पर मजबूर हो जाता है।
- पिछले 30 वर्षों के दौरान भांगड़ा के लोकप्रियता में विश्व भर में वृद्धि हुई है। भांगड़ा की शुरुआत फ़सल कटाई के उत्सव के रूप में हुई, आगे चलकर यह विवाह तथा नववर्ष समारोहों का भी अभिन्न अंग बन गया। 

Latest Videos

क्यों खास है गिद्दा नृत्य? जानें खास बातें…
- जिस तरह भांगड़ा नृत्य पुरुष प्रधान है, उसी तरह गिद्दा महिला प्रधान लोक नृत्य है। इसे पंजाब की पहचान कहा जाए तो अतिश्योक्ति नहीं होगी। इस नृत्य को सिखने के लिए काफी लगन की जरूरत होती है।
- गिद्दा नृत्य करते समय विशेष गीत भी गाए जाते हैं जो इस नृत्य को और अधिक सुंदर और जोशीला बनाते हैं। नृत्य के बाद लयबद्ध ताली बजाई जाती है और महिलाओं द्वारा एक विशिष्ट पारंपरिक लोक गीत गाया जाता है।
- कहा जाता है कि गिद्दा लोक नृत्यु की उत्पत्ति प्राचीन रिंग नृत्य से हुई है। गिद्दा नृत्य महिलाओं के कला-कौशल और पारंपरिक विधा को प्रदर्शित करता है, जैसे कि पोशाक, सुंदरता और शस्त्र-प्रदर्शन।
- गिद्दा नृत्य करते समय महिलाएं परंपरागत रूप से चमकीले रंगों वाली सलवार- कमीज़ और आभूषण पहनती हैं। बालों की चोटियां और माथे पर टीका लगाकर पोशाक पूरी की जाती है।


ये भी पढ़ें-

Lohri 2023: लोहड़ी से जुड़ी हैं ये 4 परंपराएं, इनके बिना अधूरा है ये त्योहार


Lohri 2023 Date: इस बार कब मनाई जाएगी लोहड़ी? जानें सही तारीख और इससे जुड़ी खास बातें

Makar Sankranti 2023: 20वीं सदी में 36 बार 15 जनवरी को मनाई जाएगी मकर संक्रांति, क्यों आ रहा है ये अंतर?

Disclaimer : इस आर्टिकल में जो भी जानकारी दी गई है, वो ज्योतिषियों, पंचांग, धर्म ग्रंथों और मान्यताओं पर आधारित हैं। इन जानकारियों को आप तक पहुंचाने का हम सिर्फ एक माध्यम हैं। यूजर्स से निवेदन है कि वो इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें। आर्टिकल पर भरोसा करके अगर आप कुछ उपाय या अन्य कोई कार्य करना चाहते हैं तो इसके लिए आप स्वतः जिम्मेदार होंगे। हम इसके लिए उत्तरदायी नहीं होंगे। 

Share this article
click me!

Latest Videos

सिर्फ एक क्लिक आपको पहुंचा सकता है जेल, आपके फोन में भी तो नहीं हैं ऐसे वीडियो । Child Pornography
New York में Hanumankind, आदित्य गढ़वी और देवी श्री की जोरदार Performance, PM Modi ने लगाया गले
दुर्गा प्रतिमा बनाने के लिए क्यों लेते हैं ‘सेक्स वर्कर्स’ के आंगन की मिट्टी । Durga Puja । Navratri
Shocking Video: उत्तराखंड में दरका पहाड़ और बंद हो गया हाईवे #Shorts
Garib Rath Express Train: ट्रेन में भाग खड़े हुए पैसेंजर, Shocking Video आया सामने