महात्मा विदुर ने बताए हैं वो 7 दोष, जिनके कारण स्टूडेंट्स को नहीं मिल पाती सफलता

Published : Jan 20, 2020, 12:06 PM IST
महात्मा विदुर ने बताए हैं वो 7 दोष, जिनके कारण स्टूडेंट्स को नहीं मिल पाती सफलता

सार

विदुर नीति में लाइफ मैनेजमेंट से संबंधित अनेक सूत्र बताए गए हैं। ये बातें आज के समय में भी प्रासंगिक हैं। 

उज्जैन. विदुर नीति के अनुसार, नीचे बताई गई 7 बातें स्टूडेंट्स की सफलता में रूकावट बन सकती हैं, इसलिए उन्हें इन 7 बातों से बचकर रहना चाहिए।

श्लोक
आलस्यं मदमोहौ च चापलं गोष्ठिरेव च।
स्तब्धता चाभिमानित्वं तथात्यागित्वमेव च।।
एते वै सप्त दोषा: स्यु: सदा विद्यार्थिनां मता:।।

अर्थ- 1. आलस्य, 2. मद-मोह, 3. चंचलता, 4. गोष्ठी, 5. उद्दण्डता, 6. अभिमान और 7. लोभ- ये सात विद्यार्थियों के लिए सदा ही दोष माने गए हैं।

1) आलस्य
जो स्टूडेंट पढ़ाई में मन नहीं लगाता और आलसी बना रहता है, वह कभी सफलता नहीं पा सकता। इसलिए स्टूडेंट्स को आलसी नहीं एक्टिव होना चाहिए।

2) मद-मोह
स्टूडेंट लाइफ में कई ऐसे मौके आते हैं, जब वे मद (नशा) व मोह (अट्रैक्शन) में फंस जाते हैं। ये दोष विद्यार्थियों की सफलता में बाधक माने गए हैं।

3) चंचलता
ये भी स्टूडेंट्स के लिए सबसे बड़ा दोष है। यह दोष जिस विद्यार्थी में होता है, वह कभी किसी एक काम में मन नहीं लगा पाता, इसलिए उसे सफलता नहीं मिल पाती।

4) गोष्ठी
गोष्ठी यानी दोस्तों के साथ घूमना-फिरना, बेकार की बातों में समय बर्बाद करना। जो स्टूडेंट्स इन कामों में समय बर्बाद करता है, वह कभी सक्सेस नहीं हो पाता।

5) उद्दण्डता
स्टूडेंट लाइफ के कुछ नियम होते हैं, जो इन नियमों को नहीं मानते, वे विद्यार्थी उद्दण्ड होते हैं। ऐसे स्टूडेंट्स भी अपनी लाइफ में कभी सक्सेस नहीं हो पाते।

6) अभिमान
ब्रिलियंट स्टूडेंट को भी कभी अभिमान नहीं करना चाहिए। अपने अभिमान में स्टूडेंट्स सही-गलत की पहचान नहीं कर पाते और सफलता से दूर हो जाते हैं।

7) लोभ
स्टूडेंट लाइफ के दौरान हमें किसी लालच में नहीं फंसना चाहिए। ये लालच हमें पढ़ाई से दूर कर देते हैं और इसके कारण सफलता हमसे दूर हो जाती है।

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