Sawan: विश्व प्रसिद्ध है उज्जैन के महाकाल मंदिर की भस्मारती, आखिर क्यों चढ़ाई जाती है महादेव को भस्म?

शिवपुराण (Shiv Puran) में 12 ज्योतिर्लिंगों (Jyotirlinga) के बारे में बताया गया है। इन सभी ज्योतिर्लिंगों का अलग-अलग महत्व, परंपराएं और मान्यताएं हैं। आम दिनों में भी यहां भक्तों का सैलाब उमड़ता है और सावन (Sawan) में तो यहां की रौनक देखते ही बनती है। ऐसा ही एक ज्योतिर्लिंग है महाकालेश्वर (Mahakaleshwar)। ये मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के उज्जैन (Ujjain) में स्थित है। ये एकमात्र दक्षिणमुखी ज्योतिर्लिंग है। महाकाल मंदिर (Mahakal Temple) में प्रतिदिन सुबह की जाने वाली भस्म आरती विश्व प्रसिद्ध है।

उज्जैन. जनश्रुति है कि पुरातन समय में महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग पर मुर्दे की भस्म (राख) चढ़ाई जाती थी, लेकिन कालांतर में इस परंपरा को बंद कर दिया गया। आगे जानिए क्या है इस परंपरा से जुड़ी मान्यता और वर्तमान परंपरा…

इसलिए शिवजी को चढ़ाते हैं भस्म
धर्म ग्रंथों के अनुसार, ब्रह्माजी सृष्टि की रचना करते हैं, विष्णुजी पालन करते हैं और शिवजी संहार करते हैं। जब सृष्टि का संहार होगा तो सबकुछ भस्म हो जाएगा यानी सृष्टि राख में बदल जाएगी। भस्म शिवजी को चढ़ाने का अर्थ ये है कि सृष्टि समाप्त होने के बाद सबकुछ शिवजी में विलीन हो जाएगा। सृष्टि के नष्ट होने के बाद ब्रह्माजी फिर से सृष्टि की रचना करते हैं। यही क्रम अनवरत चलता रहता है। शिवजी भस्म धारण करके संदेश देते हैं कि जब इस सृष्टि का नाश होगा, तब सभी जीवों की आत्माएं भी शिवजी में ही समाहित हो जाएंगी।

कैसे तैयार होती है भस्म?
शिवपुराण के अनुसार भस्म तैयार करने के लिए कपिला गाय के गोबर से बने कंडे, शमी, पीपल, पलाश, बड़, अमलतास और बैर के पेड़ की लकडि़यों को एक साथ जलाया जाता है। मंत्रोच्चारण किए जाते हैं। इन चीजों को जलाने पर जो भस्म मिलती है, उसे कपड़े से छाना जाता है। इस प्रकार तैयारी की गई भस्म को शिवलिंग पर चढ़ाया जाता है।

Latest Videos

कैसे पहुंचे उज्जैन (Ujjain)?
- उज्जैन से सबसे नजदीक का एयरपोर्ट यहां से लगभग 60 किमी दूर इंदौर में हैं। इंदौर से उज्जैन आने के लिए रेल व सड़क मार्ग उपलब्ध हैं।
- उज्जैन रेलवे स्टेशन सभी प्रमुख स्टेशनों से जुड़ा हुआ है। रेलवे स्टेशन से महाकाल मंदिर की दूरी लगभग 3-4 किमी है।
- उज्जैन शहर सभी राष्ट्रीय राजमार्गों से जुआ है। सड़क मार्ग द्वारा भी यहां आसानी से पहुंचा जा सकता है।

सावन मास के बारे में ये भी पढ़ें

Sawan: किसने और क्यों की थी भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए महामृत्युंजय मंत्र की रचना?

Sawan: अरब सागर में स्थित है ये शिव मंदिर, दिन में 2 बार समुद्र में डूब जाता है, शिवपुराण में भी है वर्णन

Sawan: झारखंड के इस मंदिर में गंगा करती है शिवलिंग का अभिषेक, अंग्रेजों ने की थी इसकी खोज

Sawan में महिलाओं को करना चाहिए ये 6 काम, इससे मिलता है अखंड सौभाग्य और घर में रहती है खुशहाली

Sawan का दूसरा सोमवार आज, इस दिन भगवान शिव को चढ़ाएं ये खास चीजें, मिलेगा मनचाहा वरदान

Share this article
click me!

Latest Videos

चुनाव नियमों में बदलाव को कांग्रेस की Supreme Court में चुनौती, क्या है पूरा मामला । National News
'अब पानी की नो टेंशन' Delhi Election 2025 को लेकर Kejriwal ने किया तीसरा बड़ा ऐलान
जौनपुर में कब्रिस्तान के बीचो-बीच शिवलिंग, 150 या 20 साल क्या है पूरी कहानी? । Jaunpur Shivling
'सोना सस्ता लहसुन अभी भी महंगा' सब्जी का भाव जान राहुल हैरान । Rahul Gandhi Kalkaji Sabzi Market
LIVE🔴: अटल बिहारी वाजपेयी जी के जन्म शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में 'अटल युवा महाकुम्भ' का उद्घाटन