श्रीरामचरित मानस: अहंकार से विद्वान, नशे से शर्म और मंत्रियों की गलत सलाह से राजा नष्ट हो जाता है

रामायण में कई ऐसी नीतियां बताई गई हैं, जिन्हें जीवन में उतार लेने से हमारी कई समस्याएं खत्म हो सकती हैं। श्रीरामचरित मानस के अरण्य कांड में शूर्पणखा और रावण का एक प्रसंग है। इस प्रसंग में शूर्पणखा ने रावण को बताया था किन बुराइयों की वजह से हमारे गुण खत्म हो सकते हैं ।

उज्जैन. रामायण में कई ऐसी नीतियां बताई गई हैं, जिन्हें जीवन में उतार लेने से हमारी कई समस्याएं खत्म हो सकती हैं। श्रीरामचरित मानस के अरण्य कांड में शूर्पणखा और रावण का एक प्रसंग है। इस प्रसंग में शूर्पणखा ने रावण को बताया था किन बुराइयों की वजह से हमारे गुण खत्म हो सकते हैं ।

ये है शूर्पणखा और रावण का प्रसंग
अरण्य कांड में जब लक्ष्मण ने शूर्पणखा के नाक-कान काट दिए, तब वह रावण के पास गई और राम-लक्ष्मण से बदला लेने को कहा। उस समय शूर्पणखा ने रावण बताया कि किन बुराइयों की वजह से संन्यासी, राजा और गुणवान व्यक्ति नष्ट हो जाते हैं।

Latest Videos

चौपाई
संग तें जती कुमंत्र ते राजा। मान ते ग्यान पान तें लाजा।।
प्रीति प्रनय बिनु मद ते गुनी। नासहिं बेगि नीति अस सुनी।।

अर्थ- शूर्पणखा कहती है कि वासना और लालच से संन्यासी, मंत्रियों की गलत सलाह से राजा नष्ट हो सकता है। अहंकार से ज्ञान और विद्वान व्यक्ति बर्बाद हो सकता है। नशे से शर्म खत्म हो जाती है। विनम्रता के बिना प्रेम खत्म हो जाता है। ये नीति मैंने सुनी है।

लाइफ मैनेजेमेंट सूत्र…
1.
जो संन्यासी लालच और वासना के बारे में विचार करता रहता है, उसे न तो मोक्ष मिल पाता है और न माया। वो मोक्ष के द्वार के पास जाकर भी खाली हाथ लौट आता है और अपनी इन बुराइयों की वजह से अंतत: नष्ट हो जाता है।
2. जो राजा बिना सोचे-समझे मंत्रियों की गलत सलाह भी मान लेता है, वह निश्चित ही एक दिन नष्ट हो जाता है। इसलिए राजा को चाहिए कि किसी एक मंत्री की सलाह न मानकर मंत्रिमंडल से परामर्श लेकर ही उचित कार्य करे।
3. जिस व्यक्ति में अहंकार की भावना होती है, वो विद्वान और ज्ञानी होने के बाद भी किसी काम का नहीं, क्योंकि उसकी ये एक बुराई सभी अच्छाइयों को खत्म कर देती है।
4. जो व्यक्ति नशा करता है वह बेशर्म हो जाता है यानी गलत काम करते हुए भी उसे किसी प्रकार की लज्जा नहीं आती। ऐसा व्यक्ति जल्दी ही नष्ट हो जाता है।
5. जिस प्रेम में विनम्रता न हो, ऐसा प्रेम किसी काम का नहीं। प्रेम देने का नाम है न कि लेने का। जिस व्यक्ति में विनम्रता न हो, उसमें देने की भावना भी नही होती।

हिंदू धर्म ग्रंथों की इन शिक्षाओं के बारे में भी पढ़ें

लाइफ मैनेजमेंट: राजा के मन की बात, कंजूस का धन और पुरुषों के भाग्य के बारे में देवता भी नहीं जान पाते

सुहागिन महिलाएं क्यों लगाती हैं मांग में सिदूंर, जानिए इसका धार्मिक और वैज्ञानिक कारण

गरुड़ पुराण: जानिए वो कौन-सी 7 चीजें हैं जिन्हें देखने पर हमें पुण्य और शुभ फल मिलते हैं

परंपरा: भोजन की थाली को सम्मानपूर्वक रखना चाहिए, एक हाथ से थाली पकड़कर नहीं खाना चाहिए

वैदिक घड़ी के हर अंक में छिपे हैं धर्म से जुड़े अनेक रहस्य, जानिए क्या है इनका अर्थ

सुबह उठते ही दिखे ये चीजें या सुनाई दें ऐसी आवाजें तो इसे मानना चाहिए शुभ शकुन

हमेशा ध्यान रखें शास्त्रों में बताई गई ये 10 बातें, इससे कम हो सकती हैं परेशानियां और गरीबी

29 मार्च से शुरू होगा हिंदू कैलेंडर का पहला महीना, लेकिन नया साल 13 अप्रैल से शुरू होगा

वसंत उत्सव 29 मार्च को, शिवजी का ध्यान भंग करने के लिए हुई इस ऋतु की रचना

फाल्गुन पूर्णिमा पर दान करने का है खास महत्व, जानिए इस तिथि से जुड़ी परंपराएं

Share this article
click me!

Latest Videos

'मुस्लिम बोर्ड में हिंदुओं का क्या काम, ये लुटेरा वक्फ कानून है'। Asaduddin Owaisi
17 साल में 13 सरकार...जानें नेपाल में क्यों हो रहा भयंकर बवाल?। Abhishek Khare
Navaratri में Meat की दुकान बंद होने पर बंटे Varanasi के लोग, क्या है सही-क्या गलत
Indian Idol set पर क्या गजब की खूबसूरत लगीं Shilpa Shetty
Myanmar Earthquake में 10 हजार लोगों की मौत! मदद के लिए भारत ने लॉन्च किया ऑपरेशन 'ब्रह्मा'