Vivah Panchami 2022: श्रीराम सीता स्वयंवर में गए थे या नहीं, कितनी आयु में हुआ था इनका देवी सीता से विवाह?

Vivah Panchami 2022: धर्म ग्रंथों के अनुसार, भगवान श्रीराम और देवी सीता का विवाह मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को हुआ था, इसलिए हर साल इस तिथि पर विवाह पंचमी का पर्व मनाया जाता है। इस बार ये तिथि 28 नवंबर, सोमवार को है।
 

Manish Meharele | Published : Nov 27, 2022 5:43 AM IST

उज्जैन. भगवान श्रीराम और देवी सीता के विवाह का जितना सुंदर वर्णन गोस्वामी तुलसीदास द्वारा रामचरित मानस (Ramcharit Manas) में मिलता है, उतना किसी अन्य ग्रंथ में नहीं हैं। वाल्मीकि रामायण (Valmiki Ramayana) में तो सीता स्वयंवर का वर्णन ही नहीं है। सिर्फ इतना ही नहीं सीता स्वयंवर को लेकर इन दोनों ग्रंथों में काफी असमानताएं देखने को मिलती है। मान्यता के अनुसार मार्गशीर्ष शुक्ल पंचमी तिथि (Vivah Panchami 2022) को श्रीराम और देवी सीता का विवाह हुआ था। इस बार ये तिथि 28 नवंबर, सोमवार को है। इस मौके पर हम आपको सीता स्वयंवर से जुड़ी कुछ खास बातें बता रहे हैं, जो इस प्रकार है… 

वाल्मीकि रामायण में नहीं है सीता स्वयंवर का वर्णन
वाल्मीकि रामायण के अनुसार, राक्षसों का नाश करने के लिए ऋषि विश्वामित्र श्रीराम और लक्ष्मण को अयोध्या से अपने साथ लेकर आए। वन में काफी दिनों तक रहते हुए श्रीराम ने अनेक राक्षसों का वध किया। एक दिन विश्वामित्र श्रीराम व लक्ष्मण को साथ लेकर मिथिला आए। विश्वामित्र ने ही राजा जनक से श्रीराम को शिवधनुष दिखाने के लिए कहा। अनेक सैनिकों द्वारा वह दिव्य धनुष खींचकर लाया गया, श्रीराम ने उस धनुष को उठा लिया और प्रत्यंचा चढ़ाते समय वह टूट गया। राजा जनक ने यह प्रण किया था कि जो भी इस शिव धनुष पर प्रत्यंचा चढ़ाएगा, उसी से वे अपनी पुत्री सीता का विवाह कर देंगे। इसी के चलते श्रीराम के विवाह सीता के साथ हुआ।

श्रीरामचरित मानस में सीता स्वयंवर का वर्णन
श्रीरामचरित मानस के अनुसार, सीता स्वयंवर से पहले श्रीराम व लक्ष्मण जनकपुरी पहुंचे। यहां राजा राजा जनक के बुलावे पर ऋषि विश्वामित्र, श्रीराम और लक्ष्मण सीता स्वयंवर में गए। यहां अनेक राजा-महाराजाओं ने शिव धनुष को उठाने का प्रयास किया, लेकिन वे सफल नहीं हो पाए। अंत में ऋषि विश्वामित्र के कहने पर श्रीराम शिव धनुष को उठाने गए। यहां श्रीराम ने बड़ी फुर्ती से धनुष को उठा लिया और प्रत्यंचा बांधते समय वह टूट गया। इस तरह स्वयंवर की शर्त पूरी करने से श्रीराम और सीता का विवाह होना तय हुआ। जब ये बात राजा दशरथ को पता चली तो वे अपने मंत्रियों व पुत्रों सहित जनकपुरी आ गए। स्वयं ब्रह्मदेव ने श्रीराम और सीता की जन्म पत्रिका का मिलान किया और विवाह के लिए शुभ मुहूर्त निकाला। उसी शुभ योग में राम-जानकी का विवाह हुआ।

विवाह के समय कितनी थी श्रीराम और सीता की उम्र?
गोस्वामी तुलसीदास ने रामचरित मानस में एक जगह पर लिखा है-
वर्ष अठ्ठारह की सिया, सत्ताईस के राम।।  
कीन्हो मन अभिलाष तब, करनो है सुर काम।।
इस दोहे के आधार पर ये कहा जा सकता है कि विवाह के समय सीता की उम्र 18 साल और श्रीराम की आयु 27 वर्ष थी। यानी इन दोनों की उम्र में 9 वर्ष का अंतर था।


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