Mahashivratri 2024: महाशिवरात्रि 2024 पर लाखों लोगों ने किए काशी विश्वनाथ के दर्शन

Maha shivratri 2024: उत्तर प्रदेश में अनेक विश्व प्रसिद्ध मंदिर हैं, इन्हीं में से एक है काशी विश्वनाथ। ये मंदिर इसलिए भी खास है क्योंकि ये 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। यहां भगवान शिव देवी पार्वती के साथ ज्योतिर्लिंग स्वरूप में निवास करते हैं।

 

Manish Meharele | Published : Mar 8, 2024 4:27 AM IST / Updated: Mar 09 2024, 08:52 AM IST

Kashi Vishwanath Live Darshan: धर्म ग्रंथों में सप्तपुरियों का वर्णन मिलता है, यानी 7 सबसे प्राचीन शहर। उत्तर प्रदेश का काशी भी इनमें से एक है। यहां स्थित है विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग। मान्यता है कि इस ज्योतिर्लिंग में स्वयं महादेव देवी पार्वती के रूप में विराजित है। प्रतिदिन यहां लाखों लोग दर्शन करने आते हैं और स्वयं को धन्य मानते हैं। महाशिवरात्रि पर तो यहां की रौनक देखते ही बनती है। इस बार महाशिवरात्रि पर्व 8 मार्च, शुक्रवार को मनाया जा रहा है। इस मौके पर आप भी करिए काशी विश्वनाथ के लाइव दर्शन…

इसलिए यहां स्थापित हुए महादेव
मान्यता है कि विवाह के बाद महादेव देवी पार्वती को अपने साथ लेकर नहीं आए और स्वयं कैलाश पर आकर अकेले रहने लगे। ये बात माता पार्वती को अच्छी नहीं लगी और उन्होंने शिवजी से कहा कि ‘आप मुझे भी अपने साथ लेकर चलिए।’ महादेव जानते थे कि कैलाश पर रहना सहज नहीं है, इसलिए वे देवी पार्वती को लेकर काशी आ गए और यहीं यहीं विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग के रूप में स्थापित हो गए। तभी ये भगवान महादेव काशी में निवास कर रहे हैं। ये भी माना जाता है कि काशी नगरी शिवजी के त्रिशूल पर टिकी हुई है।

यहां मिलता है मोक्ष
मान्यता है कि काशी में जिसकी मृत्यु होती है, उसे महादेव मोक्ष प्रदान करते हैं। यहीं कारण है कि दूर-दूर से लोग यहां आकर अपनी मृत्यु का इतंजार करते हैं। स्कंद पुराण में काशी के 12 नाम बताए गए हैं। ये नाम हैं- काशिका, तपस्थली, मुक्तिभूमि, काशी, वाराणसी, अविमुक्त क्षेत्र, आनंदकानन, महाश्मशान, रुद्रावास, शिवपुरी, त्रिपुरारि राज नगरी और विश्वनाथ नगरी।

कईं बार तोड़ा गया ये मंदिर
काशी विश्वनाथ मंदिर हजारों सालों से हिंदुओं की आस्था का केंद्र है। मुगल काल के दौरान और इसके पहले भी विदेश आक्रमणकारियों ने इसे कईं बार तोड़ा, लेकिन हर बार हिंदू राजाओं ने इसका जीर्णोद्धार करवाया। 1777 में रानी अहिल्यबाई ने काशी विश्वनाथ का मंदिर बनवाया और 1853 में पंजाब के राजा रणजीत सिंह ने 22 टन सोने से मंदिर के शिखरों को स्वर्णमंडित करवाया था।


ये भी पढ़ें-

Maha Shivratri 2024: महाशिवरात्रि नहीं तो कब हुआ था शिव-पार्वती विवाह?


Maha Shivratri 2024: कौन हैं भगवान शिव की पुत्री, क्या है नाम?


Disclaimer : इस आर्टिकल में जो भी जानकारी दी गई है, वो ज्योतिषियों, पंचांग, धर्म ग्रंथों और मान्यताओं पर आधारित हैं। इन जानकारियों को आप तक पहुंचाने का हम सिर्फ एक माध्यम हैं। यूजर्स से निवेदन है कि वो इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।

 

Read more Articles on
Share this article
click me!