EV Charging: इलेक्ट्रिक वाहन मालिकों के लिए जोर का झटका

Published : Sep 05, 2024, 04:05 PM IST
EV Charging: इलेक्ट्रिक वाहन मालिकों के लिए जोर का झटका

सार

अगर आप एक इलेक्ट्रिक कार मालिक हैं और ज्यादातर पब्लिक चार्जिंग स्टेशनों पर अपनी कार चार्ज करते हैं, तो यह खबर आपके लिए बहुत महत्वपूर्ण है.

लेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए सरकार लगातार कोशिश कर रही है. लेकिन, इलेक्ट्रिक कार मालिकों को परेशान करने वाले कुछ नियम और कानून भी हैं. अगर आप एक इलेक्ट्रिक कार मालिक हैं और ज्यादातर पब्लिक चार्जिंग स्टेशनों पर अपनी कार चार्ज करते हैं, तो यह खबर आपके लिए बहुत महत्वपूर्ण है.

जीएसटी पैनल की फिटमेंट कमेटी ने पब्लिक चार्जिंग स्टेशनों पर इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) की चार्जिंग पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगाने के फैसले को मंजूरी दे दी है. पैनल ने इससे जुड़ी किसी भी तरह की छूट देने से इनकार कर दिया है. यह फैसला ईवी वाहन मालिकों के लिए एक बड़ा झटका है. केंद्रीय और राज्य के राजस्व अधिकारियों वाली यह फिटमेंट कमेटी ही इस फैसले के लिए जिम्मेदार है.

इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग के लोगों का कहना है कि पब्लिक चार्जिंग स्टेशनों पर इलेक्ट्रिक वाहनों की चार्जिंग पर लगाए गए 18 प्रतिशत जीएसटी से दोहरा रवैया दिखता है. अधिसूचना संख्या 2/2017सीटीआर के तहत, बिजली वितरण को जीएसटी से मुक्त रखा गया है. अधिसूचना संख्या 12/2017 सीटीआर के तहत, बिजली के प्रसारण और वितरण से जुड़ी सेवाओं को भी इससे मुक्त रखा गया है. इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग का तर्क था कि इसके तहत ईवी चार्जिंग सेवाओं पर भी छूट लागू होती है. ईवी निर्माताओं समेत कई लोगों ने मांग की थी कि इलेक्ट्रिक वाहनों को चार्ज करने के लिए इस्तेमाल होने वाली बिजली पर भी यही छूट दी जानी चाहिए.

हालांकि, हाल ही में कर्नाटक अथॉरिटी फॉर एडवांस रूलिंग (एएएआर) ने फैसला सुनाया था कि पब्लिक चार्जिंग स्टेशनों पर बैटरी चार्ज करना एक सेवा है. इसलिए, इस पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगाया जा सकता है. कर्नाटक एएएआर ने अपने फैसले में कहा कि ईवी चार्जिंग स्टेशनों पर दी जाने वाली सेवा में सिर्फ बिजली वितरण ही शामिल नहीं है. इसमें चार्जिंग के लिए जरूरी सुविधाएं और सेवाएं देना भी शामिल है, जो इस पर जीएसटी लगाने को पूरी तरह से सही ठहराता है.

बिजली मंत्रालय ने पहले ही साफ कर दिया था कि इलेक्ट्रिक वाहन की बैटरी चार्ज करना बिजली का इस्तेमाल करने वाली सेवा है, न कि बिजली की बिक्री. मौजूदा जीएसटी दर को बरकरार रखने के फैसले में यह अंतर एक अहम कारक था. नतीजतन, इलेक्ट्रिक वाहन मालिकों को पब्लिक चार्जिंग स्टेशनों पर लगने वाले कुल शुल्क का 18 प्रतिशत जीएसटी देना होगा.

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