गाड़ी पर फैंसी लाइन, जाति-धर्म, पद या सरनेम लिखवाने पर चालान कट सकता है। इसके लिए भारी जुर्माना देना पड़ सकता है। मोटर वाहन अधिनियम के नियम को तोड़ने पर कड़ी सजा मिलती है।
ऑटो डेस्क : अपना रौब झाड़ने के लिए कई लोग अपनी गाड़ी पर कुछ भी फैंसी लाइन या शब्द लिखवा देते हैं। कुछ लोग तो गाड़ी पर प्रधान, भूतपूर्व पद, विधायक, पत्रकार, सरनेम या धर्म से जुड़ा कुछ भी लिखवाकर चलते हैं। कार, बाइक या किसी भी गाड़ी पर इस तरह का कुछ भी लिखवाना कानून का उल्लंघन माना जाता है। ऐसी गलती करने पर भारी जुर्माना देना पड़ सकता है, मतलब पुलिस आपका चालान काट सकती है। अगर आप भी अपनी गाड़ी पर कुछ भी लिखवाकर चल रहे हैं तो पहले मोटर वाहन अधिनियम (Motor Vehicle Act) से जुड़े नियम जान लेने चाहिए। यहां जानिए अपनी गाड़ी पर आप क्या-क्या नहीं लिखवा सकते हैं...
मोटर व्हीकल एक्ट 1988 की धारा 179 (1) के तहत अपनी कार-बाइक या किसी भी गाड़ी पर आप जाति, धर्म से जुड़े कोई शब्द, नारा या स्टिकर नहीं लगा सकते हैं। गाड़ी के पीछे वाले शीशे पर देवी-देवताओं की फोटो लगाने पर भी रोक है। ऐसा करने पर पुलिस आपकी गाड़ी सीज कर सकती है और आपको कोर्ट के चक्कर तक लगाने पड़ सकते हैं।
गाड़ी पर पत्रकार, प्रेस, विधायक जी, पुलिस और आर्मी लिखवाकर चलना भी अपराध माना जाता है। ऐसा करने पर ट्रैफिक पुलिस आपका चालान काट सकती है और कई मामलों में तो जेल भी हो सकती है।
मोटर व्हीकल एक्ट 1988 के तहत नंबर प्लेट पर नंबर के अलावा कुछ भी फैंसी लिखवाने पर रोक है। नंबर भी ज्यादा फैंसी नहीं होना चाहिए। वह पढ़ने लायक होना चाहिए। वरना इसे भी अपराध माना जाता है।
इस तरह का नियम तोड़ने पर भारी जुर्माना देने के अलावा जेल की हवा तक खानी पड़ सकती है। नंबर प्लेट से जुड़े नियम तोड़ने या जाति-धर्म के शब्द लिखने पर जुर्माना अलग-अलग होता है। धर्म-जाति से जुड़े शब्द अगर गाड़ी पर लिखे पाए गए तो 5 हजार रुपए तक का जुर्माना हो सकता है। विनशील्ड, आगे या पिछले शीशे या गाड़ी की बॉडी पर कहीं भी स्टिकर लगाने पर 1 हजार रुपए का जुर्माना लगता है। कई मामलों में जुर्माना 10 हजार तक लग सकता है और 1 साल की जेल भी हो सकती है।
गाड़ी के शीशे पर ब्लैक फिल्म लगाने पर भी रोक है। ऐसा करने पर पुलिस चालान काट सकती है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार, गाड़ी के आगे और पीछे के शीशे पर 70% तक विजिबिलिटी जरूरी है। गाड़ी के साइड मिरर में भी 50% की विजिबिलिटी होनी चाहिए। इस नियम को तोड़ने पर पहली बार का जुर्माना 2,500 रुपए, दूसरी बार 5,000 रुपए, इसके बाद करने पर 10,000 रुपए और एक साल तक की जेल भी हो सकती है।
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