बड़े नेताओं के दखल के बाद सुलझी महागठबंधन की गुत्थी, RJD के हिस्से 144 सीट, कांग्रेस को 70

विधानसभा चुनाव के लिए आखिरकार महागठबंधन में सीटों का समझौता हो ही गया। समझौते के तहत आरजेडी को 144, कांग्रेस को 70 और लेफ्ट को 29 सीटें मिली हैं। महागठबंधन की अन्य सहयोगी वीआईपी और झारखंडमुक्ति मोर्चा को आरजेडी अपने कोटे से सीट देगी। समझौते का ऐलान पटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस में किया गया। 

Asianet News Hindi | Published : Oct 3, 2020 12:41 PM IST / Updated: Oct 03 2020, 07:12 PM IST

पटना। विधानसभा चुनाव के लिए आखिरकार महागठबंधन में सीटों का समझौता हो ही गया। समझौते के तहत आरजेडी को 144, कांग्रेस को 70 और लेफ्ट को 29 सीटें मिली हैं। महागठबंधन की अन्य सहयोगी वीआईपी और झारखंडमुक्ति मोर्चा को आरजेडी अपने कोटे से सीट देगी। समझौता बड़े नेताओं के दखल के बाद संभव हुआ। महागठबंधन की प्रेस कॉन्फ्रेंस में सभी सहयोगी दल के नेता, तेजस्वी के साथ तेजप्रताप यादव भी मौजूद थे। 

महागठबंधन में किसे कितनी सीटें 
आरजेडी: 144 
कांग्रेस: 70 
सीपीआई एमएल : 19 
सीपीआई : 6 
सीपीएम : 4 
वीआईपी : 9 
जेएमएम : 2 

एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सीटों के बंटवारे का ऐलान किया। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा- अगर चुनाव में बहुमत मिला तो मैं हर हाल में बिहार की जनता के मान सम्मान की रक्षा करूंगा। हम ठेठ बिहारी हैं। जो वादा करते हैं वो पूरा करते हैं। मेरा डीएनए भी शुद्ध है। हम लोग बहते हुए नदी का साफ और शुद्ध जल हैं। 

इससे पहले आरजेडी 150 और कांग्रेस 80 सीटों की मांग पर अड़ी थी। वाम दलों ने भी ज्यादा से ज्यादा सीटों पर दावा किया था। कोई अपने दावे से पीछे हटने के लिए तैयार नहीं था इस वजह से सीटों के समझौते में देरी होने लगी थी। आरएलएसपी चीफ उपेंद्र कुशवाहा ने भी समझौते में देरी और सम्मानजनक सीटो को न देने का आरोप लगाते हुए खुद को महागठबंधन से अलग कर लिया था। बाद में सीपीआई एमएल ने भी अलग होकर 30 सीटों पर उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया था। 

कैसे बनी बात?
हालांकि चीजें पटरी से उतराता देख आरजेडी और कांग्रेस के बड़े नेताओं ने मामले को संभालने की कोशिश की। तेजस्वी ने सीपीआई एमएल से बात की। उन्होंने खुद कांग्रेस आलाकमान से भी बात की और लोकसभा का फॉर्मूला दोहराया। 2019 के आम चुनाव में लोकसभा फॉर्मूले के तहत यूपीए की ओर से प्रधानमंत्री का चेहरा राहुल गांधी थे। माना जा रहा है सीटों के लिए मुख्यमंत्री के रूप में तेजस्वी यादव के चेहरे पर आपत्ति जताने वाली कांग्रेस ने उन्हें नेता मान लिया है। महागठबंधन में सबसे बड़े दल के रूप में भी मान्यता दे दी है। 

महागठबंधन में कौन-कौन? 
महागठबंधन में आरजेडी, कांग्रेस, सीपीआई एमएल, सीपीआई, सीपीएम, हेमंत सोरेन की जेएमएम और मुकेश साहनी की वीआईपी शामिल हैं। समाजवादी पार्टी ने चुनाव नहीं लड़ने का फैसला करते हुए पहले ही तेजस्वी का सपोर्ट कर दिया है। 2015 के चुनाव में महागठबंधन में आरजेडी कांग्रेस के साथ जेडीयू शामिल थी।  

एनडीए से आगे निकला महागठबंधन 
सीटों के समझौते के मामले में महागठबंधन एनडीए से आगे निकल गया है। 2015 में महागठबंधन में आरजेडी और जेडीयू ने 101-101 सीटों पर चुनाव लड़ा था। कांग्रेस को 41 सीटें मिली थी। आरजेडी ने सबसे ज्यादा 81, जेडीयू ने 70 और कांग्रेस ने 27 सीटें जीती थीं। बाद में एक सीट पर हुए उपचुनाव में कांग्रेस एक सीट हार गई थी। 

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