भारतीय सीमा की रक्षा करते हुए प्रत्येक साल न जाने कितने ही सैनिक अपने जान की आहुति दे देते हैं। दुश्मनों की गोलियों के साथ-साथ प्राकृतिक आपदा भी जवानों की परीक्षा लेती है। बीते दिनों जम्मू कश्मीर में भारत की एक सैन्य चौकी हिमस्खलन के चपेट में आ गई थी। इस हादसे में पांच जवान शहीद हो गए।
गया। मेरे बेटे ने जिस दिन भारतीय सेना की नौकरी ज्वाईन की, 17 साल बाद उसी दिन वह शहीद भी हो गया। बेटे के खोने का गम तो जरूर है लेकिन मुझे मेरे बेटे की शहादत पर गर्व है। ये कहना है कि गया के डीवीसी कॉलोनी में रहने वाले जेल प्रेस से रिटायर्ड कर्मी श्रीराम ठाकुर का। श्रीराम ठाकुर के बड़े पुत्र पुरुषोत्तम कुमार बीते 13 जनवरी को हिमस्खलन के चपेट में आने से शहीद हो गए। अभी तक शहीद पुरुषोत्तम का शव गया नहीं पहुंच सका है। बीते चार दिनों से परिवार में कोहराम मचा है। नम आंखों के साथ पिता श्रीराम ठाकुर यह कहते दिखे कि मुझे मेरे बेटे पर गर्व है। बता दें कि श्री राम ठाकुर के तीन पुत्रों में से दो भारतीय सेना में है।
हिमस्खलन में गई थी पांच की जान
उल्लेखनीय हो कि 13 जनवरी को श्रीनगर के माछिल सेक्टर में एक भारतीय सेना की एक चौकी हिमस्खलन के चपेट में आ गई थी। इस हादसे में भारत के पांच जवान शहीद हुए थे। इन पांच जवानों में से एक पुरुषोत्तम कुमार भी शामिल थे। पुरुषोत्तम के शहीद होने की सूचना मिलते में गया के डीवीसी कॉलोनी में मातम छाया है। स्थानीय लोग श्रीराम ठाकुर के घर जाकर शोक संतप्त परिजनों को सहानुभूति दे रहे हैं। हालांकि चार दिन बीत जाने के बाद भी शव नहीं मिलने से लोगों में नाराजगी है। पिता श्री राम ठाकुर ने बेटे के शव को जल्द से जल्द देने की मांग की है। बता दें कि पुरुषोत्तम अपने पीछे पत्नी और तीन बच्चे छोड़ गए। घटना की सूचना के बाद पत्नी का रो-रो कर हाल बुरा है।
राजकीय सम्मान के साथ देंगे अंतिम विदाई
पुरुषोत्तम के बारे में पिता श्री राम ठाकुर ने बताया कि 13 जनवरी 2013 को उसने भारतीय सेना को ज्वाईन किया था। उस दिन हमारा पूरा परिवार काफी खुश था। परिवार का बड़ा लड़का देश की रक्षा के लिए जा रहा था। आज 17 साल बाद उसी दिन उसके शहीद होने की सूचना मिली। बेटा खोने का गम तो जरूर है लेकिन मुझे मेरे बेटे की शहादत पर नाज है। बता दें कि सूचना मिलने के बाद सदर एसडीओ, टाउन डीएसपी सहित कई अन्य वरीय अधिकारी भी परिजनों का ढांढस बंधाने पहुंचे। अधिकारियों ने बताया कि पुरुषोत्तम के पार्थिव शरीर को राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी जाएगी।