बिहार में महागठबंधन के बीच बढने लगी दरार, बेतरतीब बयानबाजियां बढ़ा रही रार- कई मुद्दों पर हो चुके मतभेद

बिहार में भाजपा-जदयू का गठबंधन टूटने के बाद सत्ता में आई महागठबंधन सरकार में कथित तौर पर दरार की अटकलें लगातार सामने आ रही हैं। तेजस्वी यादव ने कहा को महागठबंधन टूटने का सवाल ही पैदा नहीं होता है। उन्होंने कहा कि अब जब से बिहार में महागठबंधन की सरकार है और महागठबंधन सरकार ने अपने एजेंडे के तहत नौकरियां देने, जातिगत जनगणना कराने का कार्य शुरू किया है वही लोग फिर से साजिश कर रहे हैं।

Ujjwal Singh | Published : Jan 17, 2023 11:55 AM IST / Updated: Jan 17 2023, 05:26 PM IST

पटना(Bihar). बिहार में भाजपा-जदयू का गठबंधन टूटने के बाद सत्ता में आई महागठबंधन सरकार में कथित तौर पर दरार की अटकलें लगातार सामने आ रही हैं। पहले राजद के विधायक सुधाकर सिंह का विवादित बयान उसके बाद उनका इस्तीफा और अब शिक्षामंत्री चंद्रशेखर सिंह द्वारा रामचरित मानस पर विवादित बयान! किसी ने किसी मुद्दे पर दोनों दलों के नेता और कार्यकर्ता आपस एक दूसरे के विरोध में बयानबाजियां लगातार करते रहे हैं।

गौरतलब है कि बीते सप्ताह बिहार के शिक्षामंत्री चंद्रशेखर सिंह ने राम चरित मानस पर विवादित बयान दिया था। जिसके बाद से बिहार की राजनीति में बवाल सा हो गया है। महागठबंधन की दोनों पार्टियों के कई नेता आमने-सामने आ गए और बयानबाजियों का दौर शुरू हो गया। धीरे-धीरे कर भयंकर ठंड में भी बिहार की राजनीति गर्म हो गई। हांलाकि दोनों दलों के शीर्ष नेताओं ने स्थिति को सम्भालने की कोशिश की। डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने भी इस पर मामला शांत कराने का पूरा प्रयास किया था। 

रामचरित मानस पर बिहार के शिक्षामंत्री ने दिया था ये बयान 
 बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने रामचरित मानस समेत कई ग्रंथों को लेकर विवादित बयान दिया है। उन्होंने कहा, 'मनुस्मृति, रामचरितमानस, गुरु गोलवलकर के बंच ऑफ थॉट्स, ये ग्रंथ नफरत फैलाने वाले हैं। नफरत देश को महान नहीं बनाएगी, बल्कि मोहब्बत देश को महान बनाएगी।' उन्होंने कहा, 'मनुस्मृति को क्यों जलाया गया क्योंकि उसमें एक बड़े तबके के खिलाफ अनेक गालियां दी गईं। रामचरित मानस का क्यों प्रतिरोध हुआ और किस अंश का प्रतिरोध हुआ? उन्होंने कहा कि देश में समाज को जोड़ने के बजाए जाति ने तोड़ा है। इसमें मनुस्मृति, गोस्वामी तुलसीदास रचित रामचरितमानस और गोलवलकर लिखित बंच आफ थाट्स ने 85 प्रतिशत लोगों को सदियों तक पीछे रखने का काम किया। 

तेजस्वी यादव ने साधा था बीजेपी पर निशाना 
तेजस्वी यादव ने कहा को महागठबंधन टूटने का सवाल ही पैदा नहीं होता है। उन्होंने कहा कि अब जब से बिहार में महागठबंधन की सरकार है और महागठबंधन सरकार ने अपने एजेंडे के तहत नौकरियां देने, जातिगत जनगणना कराने का कार्य शुरू किया है वही लोग फिर से साजिश कर रहे हैं। मुख्यमंत्री और हम सब इन सभी बातों को समझते हैं और उन लोगों को पहचानते हैं। बिहार में महागठबंधन के शीर्ष नेता हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष आदरणीय लालू प्रसाद और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हैं। सब जानते हैं कि जनता किसके साथ है। बिहार की जनता नीतीश कुमार और लालू प्रसाद के साथ है ना की बयानवीर चर्चित नेताओं के साथ है। 

सुधाकर सिंह को देना पड़ा पड़ा था इस्तीफ़ा 
बिहार में जब महागठबंधन की सरकार बनी तो राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के बेटे सुधाकर सिंह को कृषि मंत्री बनाया गया। लेकिन तरह-तरह की बयानबाजियों के चलते जल्द ही सुधाकर सिंह की सरकार के दूसरे धड़े जदयू से ठन गई। जिसके बाद लगातार उनके खिलाफ विरोध के सुर मजबूत होने लगे। ऐसे में स्थिति कुछ ऐसी बनी कि सुधाकर सिंह को मंत्रिमंडल से इस्तीफा देना पड़ा। 

तेजस्वी और नीतीश लगातार स्थिति को सम्भालने की कर रहे कोशिश 
महागठबंधन की सरकार बनने के बाद दोनों दलों के नेताओं में लगातार हो रही तनातनी के से उपजे हालात को संभालने के लिए दोनों ही दलों के शीर्ष नेता लगातार कोशिश में लगे रहे। नीतीश कुमार और तेजस्वी ने स्थिति संभालने के लिए लगातार अपने नेताओं को समझाया और उनके खिलाफ सख्ती से भी पेश आए। लेकिन बावजूद इसके दोनों ही दलों के बीच लगातार रार बढने के मामले सामने आते रहे।

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