पाकिस्तानी सिंगर की नागरिकता पर एक्टर ने उठाए सवाल, बोले इनके पिता ने हमारे देश पर बमबारी की थी

CAA यानी की नागरिकता कानून को लेकर देशभर में लोग कहीं इसका विरोध कर रहे हैं तो कोई इसके पक्ष में अपनी राय रख रहा है। ऐसे में नागरिकता कानून को लेकर बॉलीवुड में भी जबरदस्त बहस देखने के लिए मिली। सिनेमा जगत के तमाम कलाकार दो भागों में बंट गए कोई इसका विरोध कर रहा था।

Asianet News Hindi | Published : Jan 19, 2020 5:01 AM IST

मुंबई. CAA यानी की नागरिकता कानून को लेकर देशभर में लोग कहीं इसका विरोध कर रहे हैं तो कोई इसके पक्ष में अपनी राय रख रहा है। ऐसे में नागरिकता कानून को लेकर बॉलीवुड में भी जबरदस्त बहस देखने के लिए मिली। सिनेमा जगत के तमाम कलाकार दो भागों में बंट गए कोई इसका विरोध कर रहा था तो कोई इसके पक्ष में अपनी रख रहा था। अब हाल ही में रजा मुराद ने भी इस कानून को लेकर पर अपनी राय रखी है इसके साथ ही सीएए को सपोर्ट कर रहे अदनान सामी पर निशाना भी साधा है। 

रजा मुराद ने कही ये बात 

रजा मुराद सामाजिक मुद्दों पर अपनी बेबाकी से राय रखते हैं। उन्होंने CAA यानी नागरिकता संशोधन कानून पर अपनी बात रखी है। इस संदर्भ ने रजा ने सिंगर-कंपोजर अदनान सामी की नागरिकता पर सवाल उठाते हुए सरकार को निशाने पर लिया। एक्टर ने एक इंटरव्यू में कहा, 'अगर देश पाकिस्तानी गायक अदनान सामी को भारत की नागरिकता दे सकता है तो वह बाकी लोगों को क्यों नहीं दे रहा है?' रजा मुराद ने अदनान सामी की नागिरकता पर सवाल उठाए, इसके साथ ही नागरिकता कानून को संविधान के विपरीत बताया है। रजा मुराद ने कहा, 'ये कानून हमारे संविधान के विपरीत है। सरकार को इस कानून को वापस लेना चाहिए। अदनान सामी को नागरिकता दे सकते हो तो औरों को क्यों नहीं? अदनान सामी के वालिद ने तो साल 1965 की जंग में हमारे देश पर बमबारी की थी।'

2016 में मिली थी अदनान सामी को नागरिकता 

बता दें अदनान सामी को नागरिकता मोदी की सरकार में दी गई थी। 2016 में अदनान को भारतीय नागरिकता मिली थी। CAA को लेकर जहां बॉलीवुड की कई हस्तियां इस कानून का पुरजोर विरोध किया था वहीं अदनान ने एक तरह से सरकार का पक्ष लेते हुए कहा था, 'नागरिकता कानून उन धर्म के लोगों के लिए है जिन्हें धर्म के आधार पर प्रताड़ित किया जा रहा है। इस्लाम धर्म के लोगों को अपने धर्म के चलते अफगानिस्तान, पाकिस्तान या फिर बांग्लादेश में ये प्रताड़नाएं नहीं झेलनी पड़ रही हैं क्योंकि वे वहां बहुसंख्यक हैं। मुस्लिम समुदाय अब भी भारत की सिटिजनशिप के लिए अप्लाई कर सकता है। कानूनी तौर पर सभी का स्वागत है।'

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