हाउसवाइफ होने के कारण छोड़ दिया था पत्नी और बेटियों को, आखिरी सांस तक एक्टर को रहा इसका अफसोस

सईद जाफरी की आज (8 जनवरी) 91वीं बर्थ एनिवर्सरी है। थिएटर, टीवी और ब्रिटिश फिल्मों में काम करने वाले जाफरी ने करियर की शुरुआत आकाशवाणी से की थी। उन्होंने एक्ट्रेस और ट्रैवल राइटर मेहरुन्निसा (मधुर जाफरी) से शादी की। 10 साल बाद ये शादी टूट गई। उनकी तीन बेटियां मीरा, जिया और सकीना जाफरी हैं।

मुंबई. फिल्म 'दिल्लगी' में अक्षय कुमार के पिता का किरदार निभाने वाले एक्टर सईद जाफरी की आज (8 जनवरी) 91वीं बर्थ एनिवर्सरी है। थिएटर, टीवी और ब्रिटिश फिल्मों में काम करने वाले जाफरी ने करियर की शुरुआत आकाशवाणी से की थी। उन्होंने करीब सौ हिंदी फिल्मों में काम किया लेकिन 1977 में आई सत्यजीत रे की शतरंज के खिलाड़ी ने उन्हें पहचान दी। उन्होंने एक्ट्रेस और ट्रैवल राइटर मेहरुन्निसा (मधुर जाफरी) से शादी की। 10 साल बाद ये शादी टूट गई। उनकी तीन बेटियां मीरा, जिया और सकीना जाफरी हैं। 1980 में सईद ने विदेशी कास्टिंग डायरेक्टर जेनिफर जाफरी से शादी की थी। पहली शादी टूटने का गम उन्हें जिंदगीभर सताता रहा।


ब्रिटिश कल्चर पर फिदा
सईद ने अपनी डायरी में लिखा था, "मैं 19 साल का था जब मेहरुन्निसा से शादी हुई। वो 17 की थी। मैं ब्रिटिश कल्चर पर फिदा था। बिना अटके अंग्रेजी बोलना, महंगे सूट पहनना शौक था। अदब तो जैसे ताक पर रख दिया था। मेहरुन्निसा ठीक उलट थी। आज्ञाकारी पत्नी, अच्छी मां और अच्छी होममेकर। पर वो नहीं, जो मैं चाहता था। मेरी सलाह भी उसे बदल न सकी। इस कोशिश में हम दूर होते गए और आखिर में अलग हो गए।"

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कर ली दूसरी शादी
सईद ने लिखा था-"इस बीच मैं जेनिफर को चाहने लगा। बाद में हमने शादी भी कर ली। पर 6-7 महीने में ही मुझे महसूस होने लगा कि जेनिफर को मेरी फिक्र ही नहीं है। उसे तो अपने सपनों को पूरा करने की चिंता थी। अब मुझे मेहरुन्निसा का अपनापन याद आने लगा। मैंने कभी मेहरुन्निसा और बच्चों की ओर पलटकर नहीं देखा था। सात साल बाद मैंने शेफ मधुर जाफरी के बारे में आर्टिकल पढ़ा। मैं उस महिला की फोटो देखकर दंग रह गया। वो मेहरुन्निसा ही थी। उसने दूसरी शादी कर ली थी और नाम बदल लिया था।अमेरिका में थी। मैं उससे मिलने पहुंचा तो उसने मना कर दिया। बच्चे सिर्फ एक बार बात करने को तैयार हुए।"


थिएटर से की थी शुरुआत
जाफरी ने करियर की शुरुआत दिल्ली में थिएटर से की थी। 1951 से 1956 तक 'ऑल इंडिया रेडियो' में पब्लिसिटी और एडवरटाइजिंग डायरेक्टर के तौर पर काम किया। सईद पहले भारतीय थे जिन्हें 'आर्डर ऑफ ब्रिटिश एम्पायर' अवॉर्ड मिला था। 100 से ज्यादा फिल्मों में काम करने वाले जाफरी को साल 1978 में आई फिल्म 'शतरंज के खिलाड़ी' के लिए बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर के फिल्मफेयर अवॉर्ड से नवाजा गया। 1988-89 से बीच प्रसारित हुई दूरदर्शन की हिट सीरीज 'तंदूरी नाइट्स' में भी उन्होंने काम किया है। बता दें, 15 नवंबर, 2015 को सईद (86) की लंदन में ब्रेन हेमरेज से डेथ हो गई।
 

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