सैफ अली खान, अजय देवगन और काजोल स्टारर फिल्म 'तान्हाजी : द अनसंग वॉरियर' को हाल ही में सिनेमाघरों में रिलीज किया गया। फिल्म बॉक्स ऑफिस पर खूब शानदार कमाई कर रही हैं। वो महज 10 दिन में ही 150 करोड़ के आंकड़े तक पहुंच गई है।
मुंबई. सैफ अली खान, अजय देवगन और काजोल स्टारर फिल्म 'तान्हाजी : द अनसंग वॉरियर' को हाल ही में सिनेमाघरों में रिलीज किया गया। फिल्म बॉक्स ऑफिस पर खूब शानदार कमाई कर रही हैं। वो महज 10 दिन में ही 150 करोड़ के आंकड़े तक पहुंच गई है। ऐसे में फिल्म की सफलता से सैफ थोड़ खुश नहीं दिखाई दिए। हाल ही में सैफ ने एक इंटरव्यू में फिल्म को लेकर कहा कि इसके तथ्यों के साथ छेड़छाड़ किया गया है, लोग जिसे हकीकत समझ रहे हैं वो सच नहीं है।
मूवी में राजनीतिक तथ्यों से छेड़छाड़
सैफ अली खान ने इंटरव्यू में बताया कि 'तान्हाजी : द अनसंग वॉरियर' जैसी फिल्मों में ऐतिहासिक तथ्यों से छेड़छाड़ करना खतरनाक है। एक्टर के मुताबिक, वे यह जानते थे कि फिल्म में राजनीतिक नजरिए से तथ्यात्मक बदलाव किए गए हैं, जो कि सही नहीं है, लेकिन बावजूद इसके सैफ ने ये फिल्म की, क्योंकि उन्हें उदयभान राठौड़ का किरदार काफी आकर्षक लगा था। सैफ कहते हैं कि वो किसी वजह से इस छेड़छाड़ के खिलाफ नहीं जा सके और शायद आगे ऐसा कर सकेंगे। फिल्म को देखने के बाद लोगों को लग रहा है कि ये इतिहास है। लेकिन हकीकत में सच ये नहीं है। क्योंकि उनका कहना था कि वो इतिहास के बारे में वो बखूबी जानते हैं।
सैफ आगे कहते हैं कि उन्हें नहीं लगता कि अंग्रेजों के आने से पहले इंडिया की ऐसी अवधारणा थी। इस फिल्म में कोई ऐतिहासिक तथ्य नहीं है। उन्होंने कहा कि इसे लेकर कोई तर्क नहीं दिया सकता है। दुर्भाग्य से जो कलाकार लिब्रल होने की वकालत करते हैं, वे भी लोकप्रियतावाद से अछूते नहीं है। यह स्थिति ठीक नहीं है, लेकिन सच्चाई यही है।
ध्रुवीकरण पर बोले सैफ
इंटरव्यू में सैफ से पूछा गया कि क्या फिल्म इंडस्ट्री में ध्रुवीकरण बढ़ा है? इस पर उन्होंने कहा कि हां ये हुआ है। उन्हें लगता है कि ये 1947 में पाकिस्तान के निर्माण के साथ ही शुरू हो गया था। विभाजन के बाद उनके कुछ रिश्तेदार पाकिस्तान ये सोचकर चले गए थे कि शायद यह देश आगे धर्म निरपेक्ष नहीं रहेगा। कुछ ये सोचकर भारत में ही रुक गए कि देश धर्मनिरपेक्ष रहेगा, लेकिन आज चीजें जिस दिशा में आगे बढ़ रही हैं, वह देख लगता है देश शायद धर्मनिरपेक्ष न रहे।
सैफ अपनी बात आगे बढ़ाते हुए कहते हैं कि अगर वे स्वार्थी होकर अपने परिवार की ओर देखें तो उनके पास हर तरह की खुशी है। बेहतरीन डॉक्टर हैं, बच्चों की अच्छी पढाई है, बेहतर निवेश हो रहा है और रिटर्न भी अच्छा मिल रहा है। लेकिन देश में धर्मनिरपेक्षता और बाकी चीजों को लेकर चल रही बहस में वे शामिल नहीं हैं।
इस वजह से राष्ट्रीय मुद्दों पर नहीं बोलते इंडस्ट्री के लोग
सैफ ने इंटरव्यू में ये भी बताया कि आखिर क्यों इंडस्ट्री के कुछ लोग राष्ट्रीय मुद्दों पर बोलने से डरते हैं। सैफ का मानना है कि एक्टर्स को राजनीति में नहीं पड़ना चाहिए। अगर सेलेब्रिटी किसी राष्ट्रीय मुद्दे पर अपनी राय रखते हैं तो उन्हें उसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है, क्योंकि इसका असर उनकी फिल्में या बिजनेस पड़ सकता है। यही वजह है कि फिल्म इंडस्ट्री के कई लोग देश में चल रहे मुद्दों पर चुप रहना ही बेहतर समझते हैं।