कोरोना वायरस से का खौफ! यस बैंक की शाखाओं में नहीं दिखे ग्राहक

यस बैंक पर रोक हटने के एक दिन बाद बृहस्पिवार को उसकी शाखाओं में सन्नाटा पसरा दिखा इसका एक मुख्य कारण कोरोना वायरस संक्रमण का भय है

Asianet News Hindi | Published : Mar 19, 2020 2:02 PM IST

बिजनेस डेस्क: यस बैंक पर रोक हटने के एक दिन बाद बृहस्पिवार को उसकी शाखाओं में सन्नाटा पसरा दिखा। इसका एक मुख्य कारण कोरोना वायरस संक्रमण का भय है। बैंक में 13 दिन की रोक के बाद बुधवार शाम छह बजे से ग्राहकों के सारी बैंक सेवाएं शुरू कर दी गयी।

निजी क्षेत्र के बैंक की चार शाखाओं--मध्य उपनगरी इलाके और नवी मुंबई-- में जाने पर महज एक या दो ग्राहक दिखे। एक ग्राहक ने कहा, ''बैंक को लेकर चिंता दूर हो गयी है। हमें पता चल गया है कि बैंक अब बंद नहीं होने जा रहा। एसबीआई (भारतीय स्टेट बैंक) जैसे निवेशक के आने से हमें भरोसा मिला है।''

यस बैंक ने बुधवार को कहा कि उसकी सभी बैंक सेवाएं शुरू हो गयी हैं और ग्राहक उसकी पूरी सेवाओं का लाभ उठा सकेंगे। निजी क्षेत्र के बैंक के पुनर्गठन योजना के तहत एसबीआई ने सात वित्तीय संस्थानों के साथ मिलकर 10,000 करोड़ रुपये की पूंजी डाली है।

प्रशांत कुमार ने जमाओं की सुरक्षा का आश्वासन दिया

यस बैंक में बैंकिंग सेवाओं के पूरी तरह बहाल होने के बाद गुरुवार को बैंक के प्रशासक प्रशांत कुमार ने एक बार फिर जमाकर्ताओं को उनके धन की सुरक्षा के बारे में आश्वासन दिया और कहा कि बैंक के पास पर्याप्त नकदी है। कुमार पुनर्गठित यस बैंक के एमडी और सीईओ के पद पर हैं। यस बैंक की बैंकिंग सेवाएं पूरी तरह 18 मार्च 2020 को शाम छह बजे फिर से शुरू हुईं और ग्राहक 19 मार्च 2020 से शाखाओं में जाकर पूर्ण सेवाएं पाने में सक्षम हो गए हैं।

नकदी के मोर्चे पर कोई समस्या नहीं 

बैंक अपने वरिष्ठ नागरिक ग्राहकों 19 मार्च से 27 मार्च 2020 के दौरान शाम 5.30 बजे तक सेवाएं देगा। कुमार ने कहा, “यस बैंक ने बैंकिंग सेवाओं को बहाल करने के लिए पर्याप्त उपाय किए हैं और यह सुनिश्चित किया है कि शाखाओं और एटीएम में पर्याप्त नकदी हो। निकासी के लिए ग्राहकों को जल्दबाजी की कोई जरूरत नहीं है और नकदी के मोर्चे पर कोई समस्या नहीं है।”

आरबीआई ने पांच मार्च 2020 को बैंक पर पाबंदी लगा दी थी। इसमें तीन अप्रैल तक प्रति खाताधारक खाते से 50,000 रुपये तक की निकासी की सीमा शामिल थी। सरकार ने पिछले सप्ताह यस बैंक पुनर्गठन योजना को मंजूरी दे दी।

(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)

(फाइल फोटो)
 

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